नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में चार दोषियों को शुक्रवार तड़के सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई। भारत देश के नागरिकों की वह मुराद पूरी हो गई जो उन्होंने घटना के तत्काल बाद मांगी थी। इस दौरान एक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई। कानून में मौजूद खामियों का भी खुलासा हुआ जिनका फायदा अपराधी उठाते हैं। इस सबसे अलर्ट एक और बड़ी बात थी। निर्भया पर जब दरिंदों ने हमला किया तो उसने संघर्ष किया था, वह मरते दम तक संघर्ष करती रही लेकिन जब दरिंदों की मौत का वक्त आया तो वह रहम की भीख मांगते नजर आए। बार-बार माफी मांग रहे थे। एक मासूम लड़की पर बेरहमी से हमला करने वाले उम्मीद कर रहे थे कि उनके साथ नरमी का व्यवहार किया जाएगा।
बताते चले कि चारों दोषियों में विनय फांसी के पहले बहुत रोया और गिड़गिड़ाया। बाकी तीनों दोषी पवन, मुकेश और अक्षय शांत रहे। मुकेश ने मौत के बाद अपने अंगदान करने की इच्छा जाहिर की। फांसी के एक दिन पहले की रात में मुकेश-विनय ने डिनर किया था, खिचड़ी खायी। वहीं पवन और अक्षय रातभर बेचैन रहे। ये लोग पूरी रात सो नहीं सके और रात भर जागकर पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया ऑर्डर आया है। चारों दोषियों ने चाय पीने से सुबह मना कर दिया। विनय कह रहा था मैं मरना नहीं चाहता।
वह फांसी से पहले बुरी तरह गिड़गिड़िया और कहा, ''मुझे माफ कर दो... मुझे नहीं मरना। जमीन में लेटने लगा। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा। सुबह नए कपड़े पहनने को दिए जाते हैं। विनय ने नए कुर्ता-पैजामा पहनने से मन कर दिया।
बलात्कार एवं हत्या के मामले में चार दोषियों को फांसी पर लटकाया गया
निर्भया गैंगरेप एवं मर्डर मामले में जिन चार दोषियों को फांसी पर लटकाया गया उनके नाम मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) है। सभी को दिनांक 20 मार्च 2020 सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई।