भारत सरकार द्वारा अचानक किए गए टोटल लॉक-डाउन के बाद #दिल्ली में रह रहे लाखों मजदूर एवं स्टूडेंट पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े। सरकार के ऐलान के बाद मजदूरों के पास सिर छुपाने के लिए छत तक नहीं बची थी।
यह लोग ठेकेदार द्वारा बनाए गए अस्थाई निवास में रहते थे। ठेकेदार का काम बंद हुआ। सभी मजदूर सड़क पर आ गए। मजदूरों का कहना है कि अपने परिवार से दूर किसी दूसरे शहर में भूखों मरने से अच्छा है परिवार के साथ रहकर परिस्थितियों का सामना किया जाए।
मजदूरों का कहना है कि यदि सरकार हमें वापस अपने घरों तक जाने का मौका दे देती तो ज्यादा अच्छा होता। इस तरह से अफरा-तफरी की स्थिति नहीं बनती। अब तो हालात यह है कि पुलिस सड़कों पर सोने तक नहीं दे रही है। बाजार बंद है। काम बंद है। खाने के लिए राशन नहीं है। वापस लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
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