नई दिल्ली। 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित करने के बाद भारत सरकार लगातार राहत कारी फैसले ले रही है। इसी क्रम में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिवों को निर्देशित किया है कि वह 14 अप्रैल तक किसी का भी बिजली कनेक्शन डिस्कनेक्ट ना करें। चाहे फिर बिजली उपभोक्ता ने पिछला बकाया जमा किया हो या ना किया हो।
बिजली मंत्रालय की ओर से भेजा जा रहा पत्र
शनिवार को केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र के लिए जो राहत पैकेज की घोषणा की, उसके अंतर्गत राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली बिजली वितरण कंपनियों को अगले तीन महीने तक उनके द्वारा खरीदी गई बिजली का तुरंत भुगतान करने से छूट है। यही नहीं, बाद भी उनकी बिजली खरीद के लिए जमा की जाने वाली सुरक्षा राशि में 50 फीसदी की राहत दी गई है।
लॉकडाउन में बिल नहीं भरने पर नहीं कटेगा कनेक्शन
केंद्रीय बिजली मंत्रालय का कहना है कि लॉकडाउन के कारण, राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के पास पूरा राजस्व नहीं आ रहा है। ऐसे में वे बिजली बनाने वाली और ट्रांसमिशन कंपनियों को पूरा भुगतान नहीं कर पा रही हैं। जाहिर सी बात है कि जब उनके पास आमदनी नहीं होगी तो वे भुगतान कैसे करेंगे। इसलिए रिजर्व बैंक ने जैसे ईएमआई की किस्त भरने से तीन महीने की छूट दी है, वैसे ही बिजली क्षेत्र में भी व्यवस्था की गई है।
बिजली कटौती नहीं की जाएगी
केंद्रीय बिजली मंत्री राज कुमार सिंह ने बिजली वितरण कंपनियों को आश्वासन दिया है कि अगले तीन महीने तक वह उन्हें बिजली मिलती रहेगी। इसलिए वह ग्राहकों को भी आपूर्ति जारी रखे।
तीन महीने बिल नहीं भरा तो भी मिलेगी बिजली
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिख कर कहा जा रहा है कि वे अगले तीन महीने तक किसी ग्राहक की बिजली नहीं काटें। यही नहीं, तीन महीने की देरी से बिल का भुगतान करने पर कोई जुर्माना भी नहीं लगायें। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह सुविधा सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगी या औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी।