नई दिल्ली। भारत में हजारों कंपनियां ऐसी हैं जो अपने कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड का लाभ नहीं देती। कंपनियां ऐसा इसलिए करती हैं क्योंकि वह कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में अपने हिस्से के 12% बचाना चाहती हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के पास शोषण को सहन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह जाता था लेकिन अब एक रास्ता है।
सैलरी स्लिप से UAN अकाउंट बनाएं
सरकार चाहती है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की योजना का लाभ सभी को दिलाया जाए। अगर कोई संस्थान अपने कर्मचारियों को वेतन पर्ची देता है, लेकिन पीएफ नहीं काटता तो ऐसे कर्मचारी अपनी वेतन पर्ची ऑनलाइन अपलोड कर अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) बना सकते हैं। अभी तक यह अधिकार सिर्फ नियोक्ताओं को ही था। नया सिस्टम शुरू हो गया है।
कर्मचारी का UAN अकाउंट बन जाने से क्या होगा
जैसे ही किसी भी कर्मचारी का UAN अकाउंट बनेगा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन उसकी जांच करना शुरू कर देगा। EPFO देखेगा कि कर्मचारी का भविष्य निधि खाता नियमित रूप से संचालित हो रहा है या नहीं। जैसे ही एम्पलाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन को पता चलेगा नियोक्ता कंपनी कर्मचारी के खाते में प्रोविडेंट फंड जमा नहीं करा रही है ईपीएफओ उसे शिकायत मानकर छापेमारी कर वहां कार्यरत कर्मचारियों को योजना का लाभ दिलाएगा। यह जानकारी केंद्रीय श्रम सचिव हीरा लाल सामारिया ने दी।