भोपाल। कोरोना वायरस की आपदा के कारण एक ओर जहां सीबीएसई की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं, न्यायालयों में सुनवाई रोक दी गई है, एक स्थान पर 20 से अधिक लोग एकत्रित नहीं होने की एडवाइजरी जारी की गई है, संपूर्ण प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई है, वहीं दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षक मंडल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य 21 मार्च से कराया जाना उचित नहीं है।
इस संबंध में ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने सचिव, माध्यमिक शिक्षक मंडल मध्यप्रदेश, भोपाल व प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण को मेल द्वारा पत्र लिखकर फिलहाल कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य नहीं कराने का आग्रह किया था । एसोसिएशन ने लिखा था कि शासन-प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु जो सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वह सब माध्यमिक शिक्षक मंडल के मूल्यांकन कार्य से बेमानी हो सकते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में मूल्यांकन कार्य कराया जाना ना केवल शिक्षकों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा बल्कि इसका दुष्प्रभाव उनके परिवार, पड़ोस और आम लोगों को भी होगा।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा सभी कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है।* एसोसिएशन के सदस्य शिक्षक स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों, पत्रकारों, जागरूक समाजसेवियों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए लोगों को अपने प्यार से जागरूक करने का काम कर रहे है। जिससे प्रेरित होकर माध्यमिक शाला सर्रा पिपरिया, हायर सेकेंडरी स्कूल बबलिया, हायर सेकेंडरी स्कूल सेमरखापा, हायर सेकेंडरी स्कूल सालीवाड़ा, हायर सेकेंडरी स्कूल लिंगा पोंडी, रानी अवंती बाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मंडला, हाई स्कूल अहमदपुर सहित जिले के अनेक स्कूलों के शिक्षक एवं केंद्र अध्यक्षों के द्वारा से पांचवी, आठवीं, दसवीं, और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों को कोरोना वायरस के संक्रमण एवं बचाव के उपायों की महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही हैं, साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा केंद्र में बच्चों की बैठक व्यवस्था एवं छात्रावास में बच्चों को दूर रखने तथा महाविद्यालय के छात्रावास को खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं।
एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डी के सिंगौर ने कहा कि आने वाले 2 सप्ताह में यदि हम सब के प्रयास से कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने में कामयाब होते हैं तो यह हमारे देश और देशवासियों के लिए सुखद स्थिति होगी किंतु यदि धोखे से यदि हम नाकामयाब हुए तो स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण और भयावह होगी, क्योंकि अज्ञानता, अशिक्षा, स्वास्थ सुविधाओं तथा डॉक्टरों की कमी, जनसंख्या घनत्व, नियम कानून की शिथिलता के कारण हमारे देश में इसका फैलाव अन्य देशों के मुकाबले बहुत तेजी से होने की संभावना है।