मध्य प्रदेश: 12वीं की परीक्षा नहीं हुई फिर भी कॉलेज में एडमिशन मिलेगा | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर चुका है कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है फिर भी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लॉक डाउन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शायद वह प्रदेश में हर आखरी सैंपल की रिपोर्ट आने तक तालाबंदी रखेंगे। इधर माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश में सरकारी तालाबंदी के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी थी। उच्च शिक्षा विभाग एडमिशन देने की तैयारी कर चुका है। सवाल यह है कि जब बारहवीं की परीक्षाएं ही नहीं हुई तो फिर कॉलेज में एडमिशन कैसे होगा। उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि वह सशर्त एडमिशन प्रक्रिया के पक्ष में हैं।

सूत्रों का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग समय से एडमिशन प्रक्रिया पूरी कर अकादमिक कैलेंडर के अनुसार शैक्षणिक सत्र के पालन के लिए अब छात्रों को प्रोविजनल एडमिशन दे सकता है। इसके तहत छात्रों से शपथ पत्र लिए जाएंगे। इन शपथ पत्र में लिखवाया जाएगा कि पिछली कक्षाओं में फेल होने की स्थिति में उनका एडमिशन निरस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, अंतिम निर्णय विभाग के अधिकारी लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने के बाद ही लेंगे। यह अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होने जा रही है।

उच्च शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 में एडमिशन देने के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया था। यूजी कक्षाओं में एडमिशन का सिलसिला 11 मई से, जबकि पीजी कक्षाओं में एडमिशन 21 मई से शुरू होना था। लेकिन इसी बीच मार्च में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया।

ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों को बीच में ही परीक्षा रोककर संस्थान बंद करने पड़े हैं। अब लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय दोबारा परीक्षा आयोजित करना शुरू करेंगे। इसके बाद नतीजे जारी किए जाएंगे। इस पूरी कवायद में जुलाई-अगस्त तक का समय लग सकता है।

अब विभाग इसके बाद एडमिशन की प्रक्रिया करता है तो अक्टूबर तक एडमिशन का सिलसिला ही चलता रहेगा। इससे मौजूदा के साथ ही शैक्षणिक सत्र बुरी तरीके से प्रभावित हो जाएगा। इसी वजह से विभाग ऐसा कोई रास्ता निकालने में जुटा हुआ है जिससे एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने की तारीख ज्यादा आगे नहीं बढ़ानी पड़े

इस मामले में विभाग के ओएसडी और एडमिशन सेल के प्रभारी डॉ. धीरेन्द्र शुक्ला का कहना है कि सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। लेकिन अंतिम निर्णय 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन समाप्त होने के बाद ही लिया जाएगा। यदि नहीं होता है तो उसके लिए कोई और विकल्प चुना जाएगा। इसके लिए बैठक आयोजित की जाएगी।

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