महिला कोरोना फाइटर को ब्रेन हेमरेज, 24 घंटे तक डॉक्टरों ने देखा भी नहीं, कोमा में चली गई | MP NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देशभर में कोरोना फाइटर्स के लिए तालियां बजाई गई, स्वागत किया जा रहा है, आभार जताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर कोरोना फाइटर्स के फोटो वायरल हो रहे हैं परंतु शासन स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी कितने संवेदनशील है यह मामला इसी का प्रमाण है। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की फार्मासिस्ट वंदना तिवारी कोरोनावायरस टीम की सदस्य थी। वर्क लोड के कारण ऑन ड्यूटी ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गई। मध्य प्रदेश के चिकित्सा विभाग की संवेदनहीनता देखिए, साथी कर्मचारी ब्रेन हेमरेज का शिकार होकर 24 घंटे तक ग्वालियर के GOVERNMENT JA HOSPITAL (जया आरोग्य हॉस्पिटल) में लावारिस पड़ी हुई। एक भी डॉक्टर उन्हें देखने के लिए नहीं आया। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण वंदना तिवारी कोमा में चली गई।

जयरोग्य चिकित्सालय में डॉक्टर देखने तक नहीं आए

जानकारी के अनुसार शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में फार्मासिस्ट पद पर पदस्थ वंदना तिवारी को कोरोना संक्रमण के खिलाफ काम करने वाली टीम में तैनात किया गया था। बताया गया है कि 31 मार्च को ऑन ड्यूटी अचानक तबीयत खराब हो गई। जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां डॉक्टरो ने वंदना तिवारी को ग्वालियर के जयरोग्य चिकित्सालय में रैफर कर दिया। वहां 24 घंटे तक एक भी डॉक्टर उन्हे देखने तक के लिए नहीं आया। प्राथमिक उपचार तक शुरू नहीं किया गया। 

बिरला हॉस्पिटल में ब्रेन का ऑपरेशन ​कराया

वंदना के परिजनों ने जयरोग्य के अस्पताल प्रबंधन का यह रवैया देखा तो वंदना शर्मा को ग्वालियर के बिरला हॉस्पिटल में 1 अप्रैल को भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टर अभिषेक चौहान ने इलाज शुरू किया एमआरआई कराने के बाद बताया कि वंदना को ब्रेन हेमरेज हुआ है। तत्काल आपरेशन करना होगा। बिरला हॉस्पिटल के डॉक्टरो ने वंदना के ब्रेन का आपरेशन किया गया, लेकिन वह अभी होश में नही आई है अभी वंदना कोमा में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही हैं। 

अब बिरला हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की पॉजीशन क्रिटिकल हैं कब तक कोमा से बहार आऐंगी कहना मुश्किल हैं। इस कारण मरीज को डिस्चार्ज कराओ और सरकारी हॉस्पिटल ले जाओ। वंदना के पति लोकेन्द्र शर्मा का कहना हैं कि ऐसी स्थिती में वह क्या करें। जब जयरोग्य के डॉक्टरों ने इतनी गंभीर स्थिती में मरीज को 24 घंटे तक हाथ नही लगाया, तो अब कोमा में मरीज का इलाज करेंगे कैसे मानें। 

डीन, कलेक्टर, कमिश्नर कोई मदद नहीं कर रहा

वंदना के पति ने बताया कि आन ड्यूटी के समय उसकी तबीयत खराब हुई। उसका विभाग भी उसकी किसी तरह की मदद नही कर रहा हैं। शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. इला गुजरिया सिर्फ मदद करने का आश्वासन देती रही अब उनका कभी फोन नही उठता तो कभी बंद आता हैं। वंदना के पति चाहते हैं कि वंदना तिवारी ऑन ड्यूटी ब्रेन हेमरेज का शिकार हुई है इसलिए उनके इलाज का खर्चा शासन स्तर पर वहन किया जाए।

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