राजेश निगम। केन्द्र सरकार की स्किल इंडिया के अन्तर्गत युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश के लगभग 1200 स्कूलों के 2400 व्यवसायिक प्रशिक्षकों कों बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिससे व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े चौबीस सौ परिवार प्रभावित होंगे।
ऐसे समय मे जब कोरोना के चलतें मन्दी का दौर चालू है। इन्हे कार्य मुक्त कर दिया है। जिन्हें अप्रैल माह से वेतन नही दिया जाएगा। अब इन व्यावसायिक प्रशिक्षकों के परिवार में भरण-पोषण को ले कर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के इस आदेश ने व्यावसायिक प्रशिक्षकों की नींद उड़ा दी है। वहीं दूसरी ओर यह व्यवसायिक प्रशिक्षक इसलिए भी चिन्तित है कि एक तरफ माननीय प्रधानमंत्री जी की बात मानकर लॉकडाउन का पालन करें या घर से बाहर निकल कर अपने बेरोजगार होने का विरोध करें।
व्यवसायिक प्रशिक्षकों के जिला अध्यक्ष शरद अग्रवाल का कहना है कि हम लोग पिछले तीन साल से सेवाएं दे रहे है। अचानक ऐसे कठिन में हमें नौकरी से निकाला जाना भाजपा सरकार का गलत फैसला है। संगठन इसका विरोध लॉक डाउन के बाद करेगा।