भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 313 हो गई है। अकेले इंदौर-भोपाल में यह संख्या 260 से ज्यादा है। मध्य प्रदेश के कुल 15 जिले कोरोनावायरस से संक्रमित हो गए हैं। अब तक 21 मरीजों की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उल्लंघन करने पर सतना में कांग्रेस विधायक सहित आठ के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इंदौर भोपाल में बाजार की 100% तालाबंदी के बाद पूरे प्रदेश में जीवन के लिए जरूरी सामग्री की किल्लत शुरू हो गई है।
मध्य प्रदेश में कहां कितने पॉजिटिव
मध्य प्रदेश में 313 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इसके अलावा, इंदौर 173, भोपाल 92, मुरैना 13, जबलपुर 8, उज्जैन 13, खरगोन 4, बड़वानी 3, ग्वालियर में छह, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2, कटनी, विदिशा, बैतूल, श्योपुर, होशंगाबाद में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 15, उज्जैन में 5, भोपाल, छिंदवाड़ा, खरगोन में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 14, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।
सतना: लॉकडाउन उल्लंघन पर कांग्रेस विधायक समेत 8 पर FIR
कोलगवां पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन मामले में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा समेत 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस के अनुसार, मंगलवार को यहां नई बस्ती में लोगों को एकत्रित कर उन्हें राशन की मांग के बहाने जिला प्रशासन के खिलाफ उकसाया गया। फिलहाल, किसी को गिरफ्तार नही किया गया है। विधायक कुशवाहा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राशन-पानी की उचित वितरण व्यवस्था न होने के कारण गरीब दिहाड़ी मजदूर सड़क पर उतर आए थे। यह जानकारी मिलने पर वे मौके पर पहुंचे थे।
प्रदेश में जरूरी सामान की किल्लत
लॉकडाउन के चलते पूरे प्रदेश में जरूरी सामान की किल्लत शुरू हो गई है। ग्रामीण इलाकों में हालत और ज्यादा खराब है। कई घरों में किराने का सामान नहीं है। दुकानों पर सप्लाई नहीं होने के कारण लोग जरूरी सामान नहीं ले पा रहे हैं। भोपाल में तीन दिन से सब्जी की सप्लाई नहीं हुई है। दूध को लेकर भी परेशानी है। बुधवार को हनुमान जंयती पर लोगों ने लॉकडाउन का पालन किया और मंदिरों से दूरी बनाए रखी। तड़के हनुमान मंदिरों में पुजारियों ने पूजा-पाठ के बाद मंदिरों के पट बंद कर दिए।
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है