भोपाल। इंदौर में 173 के बाद मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 92 हो गई। बुधवार को 8 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। दोनों शहरों में तेजी से बढ़ रहे आंकड़ों को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भड़क उठे। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जितनी भी क्षमता और योग्यता है संक्रमण को नियंत्रित करने में लगा दीजिए। भोपाल में स्थित इसलिए भी खराब है क्योंकि यहां सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज स्वास्थ्य विभाग में है। ड्राइवर से लेकर प्रमुख सचिव तक पॉजिटिव है।
2100 पुलिस कर्मचारी और कई अधिकारी 15 दिन तक घर नहीं जाएंगे
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि कोरोना का संक्रमण पिछले पांच दिन में बढ़कर 92 तक पहुंच गया। इन पांच दिनों में हर रोज औसतन 20 पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें सबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के कर्मचारी हैं। हालात यह हो गए हैं कि भोपाल के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारी ड्यूटी के बाद वापस घर नहीं जा रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव कर्मचारियों के संपर्क में आए 2100 पुलिसकर्मियों को होटल, लॉज और गेस्ट हाउस में ठहराया गया है, ताकि उनके परिवारों को संक्रमण से बचाया जा सके।
भोपाल कलेक्टर एवं डीआईजी ने कोरोला टेस्ट के लिए सैंपल दिए
इधर, लगातार फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर तरुण पिथोड़े और डीआईजी इरशाद वली ने भी कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल दिए। अब तक मिले संक्रमित लोगों में दो मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक संक्रमित व्यक्ति की मौत हो गई है।
भोपाल शहर के 92 क्षेत्र कैंटोनमेंट एरिया घोषित
भोपाल में 92 पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद इतने ही क्षेत्रों को कैंटोनमेंट एरिया घोषित कर दिया गया है। यहां पर एक किलोमीटर के दायरे में आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नगर निगम की टीमें इन क्षेत्रों को सैनिटाइज करने का काम कर रही हैं। भोपाल पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध विगत 24 घंटे में 62 केस दर्ज किए हैं। जिले में 22 मार्च से अब तक 674 केस दर्ज किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा जो चाहे वह करो लेकिन संक्रमण को फैलने से रोका
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि भोपाल और इंदौर शहरों में कोरोना के अधिक प्रकरण मिले हैं, इसलिए इनकी सीमाओं को और कड़ाई से सील किया जाए। आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध हो। संक्रमण रोकने के लिए सर्वे कार्य और कोरोना टेस्टिंग गहनता से की जाए। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को पूरी तरह से रोकना है और मरीजों को ठीक करना है। इसके लिए भीलवाड़ा, कर्नाटक मॉडल और जहां भी अच्छे कार्य हुए हैं, उनकी जानकारी मंगाएं और प्रदेश में लागू करें। अधिकारी अपना पूरा टैलेंट इस काम में लगा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना का प्रोटोकॉल और गाइडलाइन तैयार की है। इसका पालन किया जाए। इनकी जानकारी फील्ड स्टाफ तक पहुंचाई जाए। जो व्यक्ति होम क्वारैंटाइन में हैं उन्हें ट्रेस करने के लिए फेस रिकॉग्निशन टेक्निक का प्रयोग करें।
स्वास्थ्य और पुलिस महकमे में फैले संक्रमण की होगी जांच
भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमण कैसे फैला, इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के 34 कर्मचारी और 10 पुलिसकर्मी संक्रमित हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल, हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी रहे विजय कुमार के साथ डाॅ. वीणा सिन्हा और अन्य जो भी अधिकारी, डॉक्टर व कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, उनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री की पड़ताल होगी।
संक्रमण कहां से फैला, इसकी जांच जरूरी: स्वास्थ्य आयुक्त
स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने कहा है कि संक्रमित अफसरों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री और इसके क्रम की पड़ताल करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं। असलियत सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किदवई ने बताया कि परस्पर संपर्क से ही कोरोना संक्रमण का विस्तार होता है। प्रभावित व्यक्ति किन लोगों से किस क्रम में मिले और यह कहां से आरंभ हुआ, इसकी ट्रेसिंग आवश्यक है।
मप्र में 321 कोरोना संक्रमित
मध्य प्रदेश में 321 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इसके अलावा, इंदौर 173, भोपाल 92, मुरैना 13, उज्जैन 13, जबलपुर 8, ग्वालियर 6, खरगोन 4, बड़वानी 3, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2, कटनी, विदिशा, बैतूल, श्योपुर, होशंगाबाद में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 15, उज्जैन में 5, भोपाल, छिंदवाड़ा, खरगोन में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 14, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ होने पर घर भेज दिए गए हैं।
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