जबलपुर। खमरिया स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के एजीएम जिनका बंगला वेस्टलैंड में स्थित है, ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए क्वॉरेंटाइन को तोड़ दिया। उनके घर पर DO NOT VISIT का पर्चा लगाया गया था परंतु उन्होंने उसे हटा दिया। इतना ही नहीं वह नियमित रूप से ऑफिस गए और 31 मार्च को आयोजित एक पार्टी में शामिल हुए। याद दिलाने की भारत के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार यह एक दंडनीय अपराध है।
इस बात का खुलासा होने के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। कर्मचारियों का कहना है कि जब एजीएम को घर में क्वारेंटाइन किया गया था तो उन्हें कम से कम अपने खुद को पार्टी में जाने से रोकना था। उन्होंने जीएस के हाथ से बाकायदा प्रमाण पत्र भी हासिल किया। इस मामले में जानकारी मिली है कि एजीएम का बेटा 19 तारीख को विदेश से जबलपुर लौटा था। उसकी मेडिकल जाँच के बाद ही उसके घर में चेतावनी भरा पोस्टर (DO NOT VISIT) लगा दिया गया था। इसके बाद भी अधिकारी ने इस बात की जानकारी ऑफिस को नहीं दी और वे बाकायदा ऑफिस में काम करते नजर आए। इतना ही नहीं उन्होंने वह पर्चा भी हटा दिया जिस पर यह सूचना दी लिखी थी कि अगले 14 दिन तक इस घर में प्रवेश ना करें। उनके बंगले पर पोस्टर नहीं होने के कारण भी लोगों को पता नहीं चला।
लॉकडाउन के बावजूद पार्टी क्यों हुई
इस घटना से एक और सवाल उपस्थित हुआ है। जब देशभर में लॉकडाउन लागू है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत सोशल डिस्टेंस के आदेश दिए गए हैं तो फिर 31 मार्च को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किसी भी तरह की पार्टी का आयोजन क्यों किया गया। क्या यह आयोजन स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति में किया जाना अनिवार्य था।