अस्थाई शिक्षकों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नियमितीकरण पर मुहर | ATITHI SHIKSHAK NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के एक मामले में फैसला सुनाते हुए अस्थाई शिक्षकों के नियमितीकरण के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को समाप्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जो अस्थाई शिक्षकों को नियमित करने के खिलाफ दाखिल की गई थी। 

हिमाचल प्रदेश में नियुक्त किए गए अस्थाई शिक्षकों को (पैट, पैरा, पीटीए और ग्रामीण विद्या उपासक) पदनाम दिया गया था। मध्यप्रदेश में यह शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक, अतिथि शिक्षक एवं गुरुजी के समकक्ष माने जा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश की हाईकोर्ट ने सभी शिक्षकों को नियमित करने के आदेश जारी किए थे। हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 

शुक्रवार को सुबह 11:05 बजे सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर दो ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से फैसला सुनाते हुए इन शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर, 2014 को अस्थायी शिक्षकों के हक में दिए हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित किया था। सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था। 22 जनवरी, 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे। 

साल 2002 में शुरू हुई थी अस्थायी शिक्षकों की भर्तियां

हिमाचल में अस्थायी शिक्षकों की भर्तियां पिछले 17 वर्षों में हुई हैं। इनमें ग्रामीण विद्या उपासकों की नियुक्ति 2002 में हुई। इनकी संख्या करीब 1400 है। साल 2003 से लेकर 2007 तक 3409 प्राथमिक सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां प्रारंभिक शिक्षा विभाग में हुई। 2004 में 2200 पैरा शिक्षकों की भर्तियां हुईं। 2006 से 7500 पीटीए शिक्षकों की भर्ती हुई है। 

मध्यप्रदेश में नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्वान 

हरियाणा सरकार ने अतिथि शिक्षकों के समकक्ष कर्मचारियों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देना शुरू कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज आने के बाद अब सभी शिक्षकों को नियमित किया जा सकेगा। मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला मध्यप्रदेश के अतिथि शिक्षकों के लिए फायदेमंद रहेगा।

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