जबलपुर। लोगों को जरूरत पड़ने पर तुरंत नगद पैसा उपलब्ध कराने के लिए जिलेभर में स्थापित किए गए 500 से ज्यादा एटीएम इन दिनों खाली पड़े हुए हैं। कोरोनावायरस का कहर एटीएम मशीनों पर साफ दिखाई दे रहा है। इंफेक्शन के खतरे के चलते एटीएम मशीनों से विड्रोल ग्राफ 95% तक नीचे गिर गया है। नोटबंदी की तरह तालाबंदी के दौरान भी लोग ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को महत्व दे रहे हैं।
500 से ज्यादा एटीएम
जिले में सभी नेशनल बैंकों के 500 से ज्यादा एटीएम हैं। वहीं कियोस्क की संख्या भी लगभग 20 से ज्यादा है। जहां लोग नकद जमा भी कर सकते हैं। बावजूद इसके अधिकांश एटीएम में नकद निकासी करने वालों की संख्या कम दर्ज हुई है। मालवीय चौक या उसके आसपास के बाजार में स्थित एटीएम में रोजाना 2 से 5 हजार लोग निकासी करते थे। अब यह संख्या घटकर बमुश्किल 100 से 200 के बीच रह गई है। वह भी दर्जनों एटीएम में इतनी संख्या में लोग निकासी करने जा रहे हैं।
ऑनलाइन बढ़ा सहारा
दवा के थोक व्यापारी और अनाज या राशन व्यापारी से लेकर सब्जी व्यापारी भी ऑनलाइन लेन देन करने लगे हैं। वहीं दवा व्यापार में लोगों या फुटकर व्यापारियों का लेन देन नकद में चल रहा है। थोक व्यापारी नकद में ही दवा देते हैं। जो लोग नकद नहीं दे सकते वो ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। पेट्रोल पंप में भी एटीएम व कार्ड का उपयोग लोग ज्यादा करने लगे हैं।
अब बढ़ेंगे एटीएम में लोग
बैंकर्स के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों सहित निजी व गैर सरकारी संस्थाओं का वेतन 1 से 10 तारीख के बीच जारी होता है। इस दौरान कुछ प्रतिशत एटीएम में हिट बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि कितने प्रतिशत लोगों की संख्या एटीएम में बढ़ेगी यह बताना जरा मुश्किल है।
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लॉक डाउन में सभी एटीएम में नकद भरा गया है, लेकिन लोग खुद भी एटीएम जाने से बच रहे हैं। इसलिए लोगों की संख्या भी कम हुई है।
प्रणेश प्रशांत, रीजनल मैनेजर, एसबीआई