कोरोना संदिग्ध पति की देह लेकर अकेली विश्राम घाट पहुंची पत्नी, मुखाग्नि दी / BHOPAL SAMACHAR

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भोपाल। रायसेन के कोरोना संदिग्ध अमित अग्रवाल की शुक्रवार को हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई। पिता के साथ रायसेन में टिफिन सेंटर चलाने वाले अमित की बुधवार को तबीयत खराब हुई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुवार को जब हालत और खराब होने लगी तो डॉक्टरों ने हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। यहां उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया था। शुक्रवार को अमित की मौत हो गई। सहकारी बैंक रायसेन में कार्यरत वर्षा उस समय अकेली थीे। देवर हैं, लेकिन वे भी हमीदिया में ही भर्ती हैं। लॉक डाउन के कारण बाकी परिजन के साथ पांच और आठ साल के बच्चे भी यहां नहीं आ पाए। मासूम आखिरी बार पिता के दर्शन भी नहीं कर पाए।  

बच्चे भोपाल से 45 किमी दूर रायसेन में थे और देवर उसी अस्पताल में भर्ती, जहां पति ने प्राण त्यागे। ऐसे वक्त में भी टूटकर बिखरने के बजाय उसने अपने सिंदूर का फर्ज निभाया। चार कांधे भी न मिल सके तो एक सहेली को साथ लेकर एम्बुलेंस से ही पॉलिथिन में लिपटी पति की निष्प्राण देह को विश्राम घाट लेकर पहुंची। आखिरी सांस तक साथ निभाने की कसम खाई थी, लेकिन बीमारी के कारण पति बीच में साथ छोड़ गए। वह भी ऐसे वक्त जब ढांढस बंधाने कांधे पर हाथ रखने वाला भी कोई नहीं था। हाथों में जिसके नाम की मेहंदी रचाती आई थी, उन्हीं हाथों से उसे मुखाग्नि दी। 

वर्षा ने पति की देह को घर ले जाने की इच्छा जताई तो इजाजत नहीं मिली। क्योंकि कोरोना की जांच लंबित है। कोई और रास्ता नहीं देख वर्षा ने खुद ही पति को अंतिम विदाई देने का फैसला लिया। दोपहर 2 बजे एम्बुलेंस में पति की देह को लेकर अकेली ही सुभाषनगर विश्राम घाट पहुंची। ड्राइवर के अलावा कोई भी साथ नहीं था। विश्राम घाट के तीन और कर्मचारी मदद के लिए आगे आए। इस बीच वर्षा की एक सहेली अपने पिता के साथ वहां आ गई। वर्षा ने लड़खड़ाते कदमों से पति को अंतिम विदाई दी। इसके बाद ही रायसेन के लिए रवाना हुई।

सुभाष नगर विश्राम घाट के प्रबंधक शाेभराज ने बताया कि दाेपहर करीब 2 बजे हमीदिया अस्पताल की एंबुलेंस से एक महिला अपने पति के शव काे लेकर आई। देह पॉलिथीन की थैली में पैक थी। रोज कितनी ही शवयात्राएं आती हैं, लेकिन किसी महिला को इस तरह अकेले पति का शव लाते देख हमारा भी कलेजा फट गया। पूछने पर महिला ने हमीदिया अस्पताल में निमाेनिया के इलाज के दाैरान उनकी माैत हाेना बताया। विश्राम घाट के तीन कर्मचारियाें और महिला काे एंबुलेंस के ड्राइवर ने पीपीई किट दी। इसे पहनकर कर्मचारियाें ने अमित का शव एंबुलेंस से उतारा। मुखाग्नि पत्नी ने ही दी।

पुलिसकर्मियों को भोजन उपलब्ध करा रहा था पति 

अमित पिता सुखलाल अग्रवाल रायसेन में टिफिन सेंटर चलाते थे। लॉकडाउन में उन्हें नपा के सहयोग से जरूरतमंदों और पुलिसकर्मियों को भोजन उपलब्ध कराने का काम मिला था। वे कुछ दिनों से यही कर रहे थे। हालांकि बीमारी की बात सामने आने पर उनसे ठेका वापस ले लिया गया है। पत्नी वर्षा के साथ काम करने वाले 6 सहयोगियों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। जिला अस्पताल में अमित के संपर्क में आई चार नर्स, एक वार्डबॉय, ड्रेसर और सुरक्षाकर्मियों को क्वारैंटाइन किया गया है।


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