सेंट्रल डेस्क/भोपाल समाचार सेवा। पड़ोसी देश पाकिस्तान में जब इमरान खान सरकार ने कोरोनावायरस जनता को बचाने के लिए लॉक डाउन की घोषणा नहीं की तो पाकिस्तान की सेना ने ना केवल लॉक डाउन की घोषणा की बल्कि देश का संचालन अपने हाथ में ले लिया। वर्तमान में इमरान खान सिर्फ नाम के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। पाकिस्तान में सत्ता का संचालन सेना की एक कोर कमेटी कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इमरान खान और उनकी सरकार को अपदस्थ कर दिया जाएगा।
दरअसल कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में इमरान सरकार बुरी तरह नाकाम रही है। ऐसे में इमरान खान ने पाकिस्तान आर्मी को अपनी सरकार पर हावी होने का मौका दे दिया है जिससे वहां तख्ता पलट की आशंका ने जन्म ले लिया है।
इमरान खान ने पाकिस्तान की वित्तीय हालत को देखते हुए देश में लॉकडाउन नहीं करने का फैसला लिया था। इसके बाद वहां कोरोना मरीजों की संख्या 12500 तक पहुंच गई जबकि 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अब कोरोना से निपटने में नाकामी के बाद पाकिस्तान सेना के सामने इमरान खान की एक नहीं चल रही है।
बता दें कि इमरान खान ने कोरोना के तेजी से फैलते संक्रमण के बाद भी पाकिस्तान में लॉकडाउन नहीं करने का फैसला किया था। सेना ने सरकार के इस फैसले को पलट दिया। सरकार के फैसले के महज 24 घंटे बाद ही पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने पाकिस्तान में लॉकडाउन की घोषणा कर दी।
पाकिस्तान में सेना के लॉकडाउन के ऐलान के तुरंत बाद पूरे देश में फोर्स की तैनाती कर दी गई। इतना ही नहीं अब पाकिस्तान में कोरोना वायरस से लड़ने की जिम्मेदारी सेना की राष्ट्रीय कोर समिति के जिम्मे है जो समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी कर रही है।
एक पाकिस्तानी अखबार के दावे के मुताबिक नाम ना बताने की शर्त पर पाक सेना के एक रिटायर्ड जनरल ने कहा कि इमरान सरकार कोरोना वायरस की जिम्मेदारी संभालने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, इससे बचाव मुहिम में एक बड़ा अंतर पैदा हो गया है जिसे सेना भरने की कोशिश कर रही है।
कोरोना वायरस के नाम पर सेना के इस तरह राजनीतिक फैसले लेने के बाद एक बार फिर वहां सवाल पैदा हो गया है कि आखिरकार पाकिस्तान में शासक चुनी हुई सरकार है या फिर सेना। बता दें कि इमरान खान साल 2018 में सेना की मदद से ही चुनकर सत्ता में आए थे।
अब पाकिस्तान आर्मी के शीर्ष अधिकारियों ने कोरोना वायरस को खुद के लिए एक मौके के रूप में लिया है। इमरान खान इससे पहले भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने और कश्मीर मुद्दे पर विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचने में नाकाम रहे हैं। पाकिस्तान आर्मी इन चीजों को इमरान खान की बड़ी नाकामी मान रही है।