ट्रेन का इंजन कितना पावरफुल होता है यह तो हम जानते ही हैं। यह भी हम जानते हैं कि ट्रेन के इंजन में गियर होते हैं या नहीं। आज 1 मिनट में यह जानते हैं कि ट्रेन का इंजन कैसे स्टार्ट होता है। क्या कार की तरह ट्रेन के इंजन में भी चाबी लगाकर सेल्फ स्टार्ट किया जाता है या फिर इंजन में कोई स्विच/ बटन होता है जिसको दबाने से इंजन स्टार्ट हो जाता है।
भारतीय रेल के लिए मुंबई में लोकोमोटिव (ट्रेन के पायलट) अजयकुमार निगम ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। अनिमेष कुमार सिन्हा, भारतीय रेल में मुख्य यांत्रिक इंजीनियर ने अजय कुमार निगम की जानकारी को सत्यापित किया है। अजय कुमार ने बताया कि ट्रैन के विभिन्न इंजिनों को अलग-अलग तरीकों से स्टार्ट किया जाता है, किसी मे चाभी की जरूरी होती है तो किसी मे नहीं लेकिन सभी इंजिनों को स्टार्ट करके गति देने के लिए कहीं न कहीं किसी चाभी, लीवर या हैंडल की आवश्यकता जरूर होती है जिसको इंजन की बन्द अवस्था मे निकाल कर सुरक्षित जगह पर जिम्मेदार व्यक्ति को उपयुक्त रजिस्टर में समय और स्थान दर्ज करके सौंपना होता है और जिम्मेदार अधिकारी जरूरतनुसार दूसरे चार्ज लेने वाले ड्राइवर को सौंपते हैं।
कई तरह के इंजन है, सभी को स्टार्ट करने का तरीका अलग-अलग
वर्तमान में डीजल और विद्युत के इंजिनों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसके अंतर्गत पुरानी तकनीक वाले इंजिनों को विद्युत एवं डीजल के कन्वेंशनल (परंपरागत) इंजिनों के तौर पर जाना जाता है और नए विद्युत इंजिनों को 3 फेज इंजन तथा डीजल में एचएचपी लोको या जीएम लोको के तौर पर जाना जाता है। सभी को स्टार्ट करने का तरीका भिन्न है।
इलेक्ट्रिक इंजन के लिए एक खास प्रकार की चाबी होती है
सभी विद्युत इंजिनों को स्टार्ट करने के लिए उसके पैंटोग्राफ को हवा के प्रेशर द्वारा ओवर हेड इक्विपमेंट के कांटेक्ट वायर तक उठा कर फिर मेन सर्किट ब्रेकर को ऑन करना मुख्य काम है, जिसे लोको को एनर्जाइज करना कहते हैं। कन्वेंशनल विद्युत इंजिनों WAM4, WAG5, 5A, 5HA, WAG7, WAP1, WAP4 को एनर्जाइज़ करने में पैंटोग्राफ को उठाने एवं गिरने का काम एक चाभी की मदद से किया जाता है जिसे जेड पीटी या पैंटो चाभी कहते हैं।
नए इलेक्ट्रिक इंजन में चाबी नहीं होती, स्विच लॉक होता है
3 फेज विद्युत लोको WAP5, WAP7, WAG9, 9H, 9i में पैंटो के लिए अलग से कोई चाभी नहीं है और न ही इसके स्विच लॉक होते हैं लेकिन यहाँ पर सभी चीजों का नियंत्रण जिस कंट्रोल इलेक्ट्रॉनिक्स के द्वारा होता है, उसे चालू करने के लिए एक चाभी की जरूरत होती है। यहां इसी चाभी को बीएल चाभी कहते हैं और लोको एनर्जाइज़ होने के बाद ब्रेक व्यवस्था के लिए एक हैंडल भी लगाना पड़ता है, जिसको लगाए बिना शुरू में ब्रेक रिलीज़ ही नही होंगे, जिसे ए-9 हैंडल के नाम से जाना जाता है।
डीजल इंजन स्टार्ट करने के लिए भी कोई चाबी नहीं होती
डीजल इंजिनों में पहला काम डीजल इंजन को चालू करना होता है, जिसके लिए सामान्यतः दोनों ही प्रकार के, पारंपरिक और एचएचपी लोको, में किसी भी प्रकार की चाभी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इन्हें मूव करने और दिशा बदलने के लिए रिवर्सर हैंडल या चाभी की आवश्यकता होती है, जिसे लगाए बिना गति प्रदान करना असंभव है।
यह सारी चाबियां इंजन में उपयोग तो की जाती है परंतु सेल्फ स्टार्ट के लिए नहीं
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