नई दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस रिलीज में बताया गया है कि नोवेल कोरोना वायरस के बारे में कई तरह की बातें सोशल मीडिया, वाट्सऐप और इंटरनेट के माध्यम से फैल रही हैं। इनमें से कुछ सही हैं, तो बहुत-सी बातें बिल्कुल निराधार हैं। ऐसे समय में जब कोरोना वायरस महामारी बनकर दुनियाभर में हजारों लोगों की जान ले चुका है, तो इससे जुड़े कुछ अनिवार्य पहलुओं के बारे में जानना जरूरी है। विभिन्न शोध निष्कर्षों पर आधारित विज्ञान प्रसार में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ टीवी वेंकटेश्वरन का यह आलेख.
कोरोनावायरस संक्रमण के बाद क्या होता है, शरीर में कैसे प्रवेश करता है
वायरस गले और फेफड़ों में उपकला (epithelial) कोशिकाओं को संक्रमित करता है। SARS-CoV-2 मानव कोशिकाओं के संपर्क में आने पर ACE2 रिसेप्टर्स से बंध जाता है, जो अक्सर गले और फेफड़ों में पाए जाते हैं। हालाँकि, त्वचा पर चिपकने के बावजूद वायरस नुकसान नहीं पहुँचाता क्योंकि बाहरी त्वचा पर उसका संपर्क ACE2 से नहीं होता है। यह वायरस नाक, आँखों और मुँह से होकर शरीर में प्रवेश करता है। हमारे हाथ इसका मुख्य साधन हो सकते हैं, जो हमारे मुँह, नाक और आँखों तक वायरस को पहुँचा सकते हैं। जितनी बार संभव हो 20 सेकंड तक साबुन के पानी से हाथ धोना संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
कोरोना वायरस की कितनी मात्रा इंसान को संक्रमित कर सकती है
मैकाक बंदर को संक्रमित करने के लिए सात लाख पीएफयू खुराक की आवश्यकता पड़ती है। पीएफयू (प्लाक बनाने की इकाई) नमूना संक्रामकता के मापन की एक इकाई है। हालाँकि, बंदर में कोई नैदानिक लक्षण नहीं देखे गए हैं, नाक और लार के द्रव कणों में वायरल लोड था। मनुष्य को इस वायरस से संक्रमित होने के लिए सात लाख पीएफयू से अधिक खुराक की आवश्यकता होगी। ACE2 रिसेप्टर्स वाले आनुवंशिक रूप से संशोधित चूहों पर एक अध्ययन से पता चला है कि वह केवल 240 पीएफयू खुराक से SARS से संक्रमित हो सकता है। इसकी तुलना में, चूहों को नये कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लिए 70,000 पीएफयू की आवश्यकता होगी।
कोरोनावायरस कितने दिन तक जिंदा रहता है
यह अभी पूरी तरह ज्ञात नहीं है कि कोई व्यक्ति कितनी अवधि तक दूसरों को संक्रमण पहुँचा सकता है, लेकिन अब तक यह माना जा रहा है कि यह अवधि 14 दिन की हो सकती है। संक्रामक अवधि को कृत्रिम रूप से कम करना समग्र संचरण को कम करने का एक महत्वपूर्ण तरीका हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल में एकांत कमरे में भर्ती करना, दूसरे लोगों से अलगाव और लॉकडाउन संक्रमण रोकने के प्रभावी तरीके हो सकते हैं।
कोरोनावायरस का संक्रमण किसके माध्यम से फैल सकता है
वायरस से संक्रमित कोई भी व्यक्ति लक्षण प्रकट होने से पहले ही दूसरों को संक्रमित कर सकता है। खाँसी या छींक आने पर हमारे मुँह और नाक को ढंकने से संक्रमण को कम करने में मदद मिल सकती है। वायरस पूरी संक्रामक अवधि में संक्रमित व्यक्ति की लार, थूक और मल में मौजूद रहता है।
क्या सोशल डिस्टेंसिंग से सचमुच कोरोनावायरस का संक्रमण रोका जा सकता है
संक्रमण प्रायः द्रव कणों के माध्यम से होता है। इसके लिए, छह फीट से कम नजदीकी संपर्क की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि यह सिफारिश की जाती है कि हम सार्वजनिक स्थानों जैसे- सब्जी बाजार या सुपरमार्केट में एक-दूसरे से 1.5 मीटर दूर रहें। हांगकांग में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि सामाजिक दूरी बनाए रखकर 44% तक संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। फोन, दरवाजे की कुंडी और दूसरी सतहें वायरस के संचरण का संभावित स्रोत हो सकती हैं, लेकिन इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है। दरवाजे की कुंडी, लिफ्ट का बटन और सार्वजनिक स्थानों पर काउंटर को छूने के बाद हाथों को सैनेटाइज करना बचाव का सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
एक कोरोना पॉजिटिव कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है
एक विशिष्ट संक्रामक व्यक्ति के कारण होने वाले नए संक्रमणों की औसत संख्या मानव संक्रामकता सीमा 2.2 से 3.1 के बीच है। सरल शब्द में, एक संक्रमित व्यक्ति औसतन लगभग 2.2 से 3.1 व्यक्तियों को संक्रमित करता है। एक-दूसरे से दूरी बनाए रखकर हम वास्तविक संचरण क्षमता को कृत्रिम रूप से कम कर सकते हैं, इस प्रकार संक्रमण की दर को धीमा कर सकते हैं।
कोरोनावायरस कहां से उत्पन्न हुआ, क्या चमगादड़ के सूप पीने से
यह चमगादड़ का सूप पीने से तो नहीं हुआ है। जब खाद्य उत्पादों को उबाला जाता है, तो वायरस नष्ट हो जाता है। प्रारंभ में, यह अनुमान लगाया गया था कि SARS-CoV-2 वायरस चमगादड़ से मनुष्यों में पहुँचा है। लेकिन, हाल ही में हुए जीनोम के अध्ययन से पता चलता है कि इनसानों में पहुँचने से पहले इसे किसी मध्यस्थ प्रजाति तक जाना चाहिए था। एक अन्य अध्ययन से संकेत मिलता है कि SARS-CoV-2 वायरस का एक वंश बीमारी फैलने से पहले मनुष्यों में मौजूद था।
कोरोना वायरस कैसे विकसित हुआ
मनुष्यों में पहुँचने से पहले SARS-CoV-2 या तो किसी जंतु मेजबान में वायरल रूप के प्राकृतिक चयन या फिर जूनोटिक ट्रांसमिशन के बाद मनुष्यों में वायरल रूप के प्राकृतिक चयन से उभरा है। केवल अधिक अध्ययन से पता चलेगा कि दोनों में से कौन-सा तथ्य सही है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं हैं कि SARS-CoV-2 में कौन से रूपांतरण हैं, जिन्होंने मानव संक्रमण और संचरण को बढ़ावा दिया है।
SARS-CoV2 कब सामने आया:
दिसंबर 2019 से पहले SARS-CoV2 के कोई दस्तावेजी मामले सामने नहीं आए हैं। हालाँकि, प्रारंभिक जीनोमिक विश्लेषण बताता है कि SARS-CoV-2 के पहले मानव मामले मध्य अक्तूबर से मध्य दिसंबर 2019 के बीच सामने आए थे। इसका मतलब है कि प्राथमिक जूनोटिक घटना और मनुष्यों में इसके प्रकोप के फैलने के बीच की अवधि के बारे में जानकारी नहीं है।
क्या यह जानवरों को संक्रमित कर सकता है:
आणविक मॉडलिंग से पता चलता है कि SARS-CoV-2 मानव के अलावा, चमगादड़, सिवेट, बंदर और सुअर की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। हालाँकि, यह घरेलू पशुओं को संक्रमित नहीं करता है। अंडे या अन्य पॉल्ट्री उत्पादों का सेवन करने से भी SARS-CoV-2 संक्रमण नहीं होता।
क्या कोई व्यक्ति दो बार कोरोना वायरस संक्रमित हो सकता है
एक बार खसरा होने के बाद अधिकतर लोगों में जीवन भर के लिए इस बीमारी के प्रति प्रतिरक्षा विकसित हो जाती है। इसके बाद शायद ही उन्हें फिर से खसरा होता है। प्रायोगिक रूप से संक्रमित मैकाक बंदर में दोबारा इससे संक्रमित होने के मामले नहीं देखे गए हैं। इसी तरह, मनुष्यों में भी SARS-CoV-2 से उबरने के बाद दोबारा इससे संक्रमित होने के प्रमाण नहीं मिले हैं। हालाँकि, यह प्रतिरक्षा कब तक बनी रह सकती है, यह कहना मुश्किल है।
COVID-19 कितनी गंभीर बीमारी है
COVID-19 मौत की सजा नहीं है। इसके अधिकांश मामले हल्के (81%) हैं, लगभग 15% मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है और 5% को महत्वपूर्ण देखभाल की आवश्यकता होती है। अधिकतर संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
क्या स्वास्थ्य कर्मचारियों को कोरोना वायरस का खतरा नहीं है
हेल्थकेयर कार्यकर्ता इस वायरस के खतरे के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं। लोम्बार्डी, इटली में लगभग 20% स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करते हुए संक्रमित हो रहे हैं। विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धों, हृदय रोगियों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और साँस संबंधी रोगों से ग्रस्त लोगों में इसका खतरा अधिक होता है।
कोरोनावायरस से मौत क्यों हो जाती है
अधिकांश मौतें श्वसन तंत्र फेल होने या फिर श्वसन तंत्र से जुड़ी परेशानी एवं हृदय संबंधी समस्याओं के संयुक्त प्रभाव के कारण होती हैं। फेफड़ों में द्रव का रिसाव, जो श्वसन को रोकता है और रुग्णता को बढ़ावा देता है। वर्तमान में, COVID-19 के लिए उपचार मुख्य रूप से सहायक देखभाल है, यदि आवश्यक हो तो वेंटिलेशन उपयोग किया जा सकता है। फिलहाल, कई चिकित्सीय परीक्षण जारी हैं, और परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है।
क्या दूध के पैकेट या अखबार के माध्यम से कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है
SARS-CoV-2 प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील सतहों पर 3 दिनों तक बना रह सकता है। जब वायरल लोड 10,000 पीएफयू था, तो यह केवल 5 मिनट के लिए अखबार और सूती कपड़े पर रह सकता था। हालाँकि, वायरस को हटाने के लिए दूध के पाउच को धोना पर्याप्त है।
क्या घर की छत और बालकनी की हवा में कोरोनावायरस हो सकता है
हवा में, वायरस केवल 2.7 घंटे तक जीवित रह सकता है। इसलिए, घर की बालकनी या छत जैसे खुले स्थानों में इससे होने वाले नुकसान का खतरा नहीं होता है।
क्या कोई कम प्रभावकारी रूप है
इस वायरस के विभिन्न उपभेदों की पहचान की जा रही है, लेकिन अब तक के अध्ययनों में किसी भी रूपांतरण का संकेत नहीं मिला है, जो संचरण या रोग की गंभीरता से जुड़ा हो।
क्या तापमान बढ़ने से कोरोनावायरस खत्म हो जाएगा
तापमान और आर्द्रता में वृद्धि के साथ संचरण में कमी को दर्शाने के कोई ठोस प्रमाण मौजूद नहीं है।