इंदौर। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक होने से लॉकडाउन आगे बढ़ता दिख रहा है। इसके चलते शैक्षणिक गतिविधियां बेपटरी हो गई है। परिस्थितियों को देखते हुए मई में भी यूजी-पीजी परीक्षा होती नहीं दिखाई दे रही है। जानकारों की माने तो उच्च शिक्षा विभाग से निर्देश मिलने के बाद विश्वविद्यालय को परीक्षा व रिजल्ट से जुड़ा नया शेड्यूल बनाना पड़ सकता है। हालांकि अभी दो दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं प्रभावित हो चुकी है। इन्हें आयोजित करवाने के लिए विश्वविद्यालय को कम से कम दो महीने लगेंगे।
20 मार्च से विश्वविद्यालय ने अपनी सारी परीक्षाएं स्थगित कर रखी है, जिसमें बीकॉम, बीए, बीएससी (B.Com, BA, B.Sc) (फर्स्ट, सेकंड, फाइनल ईयर), एलएलबी, बीएएलएलबी, बीबीएएलएलबी, बीकॉम एलएलबी, बीएड, एमए, एमकॉम, एमएससी (LLB, BLLB, BBLLB, BCom LLB, B.Ed., MA, M.Com, MSc,) समेत कई कोर्स की परीक्षाएं प्रभावित हुई हैं। 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बावजूद कोरोना के संक्रमण को रोका नहीं जा सका है। इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का विचार कर रही है। फिलहाल इसे लेकर अगले कुछ दिनों में फैसला लिया जा सकता है। जानकारों की माने तो 15 मई तक व्यवस्थाएं सामान्य होती नजर नहीं आ रही है। यही वजह है कि परीक्षाओं का संचालन होना मुश्किल है।
मामले में उच्च शिक्षा विभाग, यूजीसी और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं मंथन करने में लगी है। यूजीसी की तरफ से एक कमेटी भी बनी है, जो परीक्षा, रिजल्ट और कक्षाओं के संबंध में विचार-विमर्श कर रही है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि अगले महीने भी परीक्षा होने की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। विभाग से गाइडलाइन जारी होने के बाद कोई ठोस निर्णय लिया जा सकेगा। फिलहाल इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
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