भोपाल। प्रदेश में अब तक कोरोना से 37 मौतें हो चुकी है। प्रदेश के 15 जिलों की सील करने के आदेश हो गये हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज अकेले ही इस युद्ध में डटे हुए हैं, पिछली सरकार जाते समय भी स्वास्थ्य मंत्री विहीन थी और अब शिवराज केबिनेट नहीं बना पा रहे हैं। वे अपने सामर्थ्य से इस युद्ध को जीतना चाहते हैं।हमारे पौराणिक ग्रन्थ हमेशा मार्गदर्शन देते है, आज विचार करते समय महाभारत का यह प्रसंग समीचीन लगा।
“द्रौपदी के स्वयंवर में जाते वक्त "श्री कृष्ण" ने अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि, हे पार्थ तराजू पर पैर संभलकर रखना, संतुलन बराबर रखना, लक्ष्य मछली की आंख पर ही केंद्रित हो उसका खास खयाल रखना,
तो अर्जुन ने कहा, "हे प्रभु " सबकुछ अगर मुझे ही करना है, तो फिर आप क्या करोगे, ???
वासुदेव हंसते हुए बोले, हे पार्थ जो आप से नहीं होगा वह में करुंगा,
पार्थ ने कहा प्रभु ऐसा क्या है जो मैं नहीं कर सकता, ??? वासुदेव फिर हंसे और बोले, जिस अस्थिर, विचलित, हिलते हुए पानी में तुम मछली का निशाना साधोगे , उस विचलित "पानी" को स्थिर "मैं" रखुंगा !!
यहाँ इस कथा को स्मरण दिलाने का उद्देश्य यह है कि आप चाहे कितने ही निपुण क्यूँ ना हो , कितने ही बुद्धिवान क्यूँ ना हो , कितने ही महान एवं विवेकपूर्ण क्यूँ ना हो , लेकिन आप स्वंय हरेक परिस्थिति के उपर पूर्ण नियंत्रण नहीँ रख सकते .. आप सिर्फ अपना प्रयास कर सकते हो , लेकिन उसकी भी एक सीमा है। ”
प्रदेश में अब तक 451 संक्रमित और 37 मौतें हाे चुकी हैं। भोपाल से सटे विदिशा में एक दिन में 11 नए संक्रमित मिले हैं। इंदौर में कल 22 नए संक्रमित मिले थे। दो डाक्टरों के निधन के भी इंदौर से समाचार मिले हैं। वहां अब तक 235 संक्रमित और 26 मौतें हो चुकी हैं, भोपाल में 109 संक्रमित हो चुके हैं। यहां एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। राज्य सरकार के संक्रमण रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पब्लिक हेल्थ एक्ट की धारा 71 (1) के तहत पूरे प्रदेश में मास्क पहनना जरूरी कर दिया है। इसके तहत अब लोग घर से बाहर बिना मास्क के नहीं निकल सकेंगे। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार ने 20 जिलों में जहां संक्रमित मिले, वहां की 46 बस्तियों को हॉटस्पॉट मानकर सील करने के आदेश दिए हैं।
कोरोना से ज्यादा प्रभावित 20 जिलों के 46 हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील किया जा रहा है। इनमें भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पहले ही सील कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। जहां कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं, उनमें जबलपुर में 8, ग्वालियर में 6, खरगोन में 5, बड़वानी में 5, छिंदवाड़ा में 5, देवास में 4, होशंगाबाद में 3, विदिशा में 2, खंडवा में 2, मुरैना, शिवपुरी, बैतूल, श्योपुर, रायसेन और धार की1-1 जगह को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
शिवराज अकेले ही मैदान में हैं। उनकी टीम नहीं बन पा रही है, संविधान भी उनकी ओर इशारा कर रहा है।उनकी दलगत और समझौतागत मजबूरियां हैं, यह सब जानते हैं। जिनके साथ वे समझौता करके आये हैं, वे प्रदेश के नागरिकों के मौत से भी नहीं पसीज रहे हैं। राजे- महाराजे की कहानियाँ उनके क्षमाशील और दयावान होने का सुबूत देती है। लेकिन अब ये लगने लगा है कि वे दिन चले गये। प्रतिपक्ष का रवैया भी सिर्फ आलोचना तक सीमित है,वो आपदा प्रबन्धन में मदद की बजाय चलते बैल को आर लगाने में जुटा है।
ऐसे में प्रदेश की फ़िक्र करने वाले भी कुछ लोग हैं, जो अपने कन्धों पर प्रदेश का भार कई दशकों तक सफलतापूर्वक उठा चुके है। ऐसे लोगो का एक सलाहकार मंडल तो शिवराज बना ही सकते हैं। राजनीतिक मजबूरी से ज्यादा इस दुष्काल की चिंता है। दुष्काल की भयावहता बढ़ रही है। सलाहकार मंडल का सुझाव विकल्प के तौर पर है, वे माने न माने उनकी मर्जी। प्रदेश के हित में एक बार सोचिये, प्रसिद्धि के अवसर तो आगे भी आएंगे।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।