ग्वालियर। शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम देख रही चाइना की ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर चले गए। इसलिए कचरा लेने गाड़ियां नहीं पहुंच सकीं। घरों का कचरा, कचरा ठीयों और सड़कों पर ही फेंका गया। इससे जगह-जगह कचरे के ढेर लग गए। देर शाम तक कोई भी जिम्मेदारी अधिकारी सामने नहीं आया।
दरअसल, प्रधानमंत्री के निर्देश पर देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया था। ईको ग्रीन ने अपने कर्मचारियों का 22 मार्च व तीन अन्य दिनों का वेतन काट लिया। इससे कर्मचारी आक्रोशित हो गए और गुरुवार की सुबह हड़ताल कर दी। ईको ग्रीन व नगर निगम अधिकारियों ने यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया तो स्थिति बिगड़ सकती है। ईको ग्रीन के कर्मचारियों से पूरे सप्ताह काम लिया जाता है। सप्ताह में कोई अवकाश नहीं दिया जाता। कंपनी इसके बदले रविवार को काम करने पर दो दिन का वेतन देती है। लेकिन अब कर्मचारियों को डबल वेतन देना बंद कर दिया है।
दूसरा मुद्दा यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया था। सभी लोगों को घर रहने की हिदायत दी गई थी। जिससे ईको ग्रीन के कर्मचारी भी काम पर नहीं पहुंचे। लेकिन कंपनी ने उस दिन का वेतन भी काट लिया। इसी तरह मार्च में दो दिन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे। कंपनी ने इन दोनों दिन का भी वेतन नहीं दिया। बुधवार को जब वेतन आया तब चार दिन का वेतन काटे जाने का पता चला। इसलिए कर्मचारियों ने गुरुवार को काम बंद कर दिया और कचरा लेने के लिए गाड़ियां नहीं निकालीं। इससे नगर निगम प्रशासन सकते में आ गया। हालांकि कंपनी के पदाधिकारी कह रहे हैं कि मामले का निराकरण हो गया है, लेकिन कर्मचारी अब भी हड़ताल पर डटे हैं।