अस्पताल से लौटे अभिषेक ने बताया: डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण का इलाज कैसे किया | GWALIOR NEWS

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Coronavirus treatment: Successful case story

ग्वालियर। यह तो सारी दुनिया जानती है कि कोरोनावायरस के लक्षण क्या है और यह कैसे फैलता है परंतु इंफेक्शन हो जाने के बाद इसका क्या इलाज हुआ दुनिया के किसी डॉक्टर को नहीं पता बावजूद इसके कोरोनावायरस इनफेक्टेड मरीज ठीक हो रहे हैं और घर वापस आ रहे हैं। ग्वालियर में 15 दिन अस्पताल में रहने के बाद घर वापस आए अभिषेक मिश्रा ने बताया कि डॉक्टरों ने किस तरह से उनका इलाज किया जिससे वह ठीक हो गए। 

वेंटिलेटर या ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ी

चेतकपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा टायर कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर हैं। डाॅक्टराें ने रविवार काे उन्हें 15वें दिन अस्पताल से छुट्टी दी। इन मरीजों का डॉक्टरों ने इस तरह से इलाज किया कि मरीजों को बीमारी के लक्षण सिर दर्द, छींकें आना और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या को बढ़ने से रोकते हुए इस स्थिति तक मरीजों को नहीं आना दिया कि उन्हें वेंटिलेटर या ऑक्सीजन की जरूरत पड़े। जीआरएमसी के डीन डॉ. एसएन अयंगर ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इन मरीजों की देखरेख के लिए राउंड द क्लॉक 1-1 डॉक्टर की ड्यूटी लगाई थी। यहां अभी बीएसएफ टेकनपुर के अफसर अशाेक कुमार भर्ती हैं, जिनकी दूसरी रिपाेर्ट निगेटिव आ चुकी है।

लक्षणों के आधार पर इलाज किया, हर मरीज के लिए अलग तरीका

जेएएच में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. ओपी जाटव ने बताया कि हमारे लिए काेराेना पाॅजिटिव मरीज का इलाज करना चुनाैती से कम नहीं था, क्याेंकि इस वायरस का वह पहला मरीज था जाे जेएएच में भर्ती किया गया था। बाॅर्डर लाइन पाॅजिटिव इस मरीज की शुरुआत की दाे रिपाेर्ट पाॅजिटिव आईं थीं। चूंकि काेराेना की कोई वैक्सीन और दवा नहीं बनी है, इसलिए हमने मरीज में दिखे लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू किया। इसी का परिणाम है कि मरीज पूरी तरह ठीक होकर घर लौट गया है। उसे अभी हमने 14 अप्रैल तक होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा है। 

खांसी और बुखार का अलग-अलग इलाज किया

सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल के अधीक्षक डाॅ. गिरिजाशंकर गुप्ता ने बताया। जिस वार्ड में अभिषेक मिश्रा थे, वहां हमने 3 डॉक्टर, तीन नर्स, 3 वार्ड ब्वॉय, 3 हाउस कीपिंग सहित 15 लोगों की ड्यूटी, जाे राउंड द क्लाॅक मरीज की देखरेख, दवा देने सहित अन्य व्यवस्था संभालने के लिए लगाई थी। इसके अलावा मेडिसिन के सीनियर डॉक्टर भी नियमित मॉनीटरिंग कर रहे थे। जब मरीज को खांसी थी ताे कफ सिरप दिया और अगर बुखार आया तो उसे कम करने की दवा देने के साथ एंटीबायोटिक दवा दी। इस तरह नियमित माॅनीटरिंग, देखरेख और लक्षणाें के आधार पर इलाज के कारण अभिषेक ठीक हाेकर घर पहुंच गए हैं।

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