ग्वालियर। ग्वालियर में जिन चार मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनके घरोें के आसपास पुलिस ने तो कड़ाई कर दी है लेकिन मेडिकल टीम ने चार में से तीन मरीजों के पड़ोस या एक ही मकान में रहने वालों के सैंपल तक नहीं कराए हैं। काेरोना संक्रमण को लेकर पुलिस और प्रशासन कितनी भी गंभीरता दिखाए लेकिन मेडिकल स्टाफ इसे लेकर गंभीर नहीं है।
लक्षण दिखे तब चेकअप के लिए आना
सबसे गंभीर मामला न्यू विजय नगर आमखो में रहने वाली नर्स के मकान में रहने वाले भाई-बहनों का है। वे दोनों बुधवार को सैंपल देने के लिए जेएएच गए लेकिन उन्हें डॉक्टरों ने यह कहकर लौटा दिया कि जब लक्षण नजर आएं तब आना। ढोलीबुवा का पुल और सिंधिया नगर में भी देर शाम तक मेडिकल टीम नहीं पहुंची थीं। जेएएच की स्टाफ नर्स लता प्रभारी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। वह आमखो स्थित न्यू विजय नगर निवासी सुरेंद्र यादव के मकान में किराए से रहती हैं। ऐहतियात के तौर पर विजय नगर पूरी तरह लॉक कर दिए गए हैं। यहां एंट्री पॉइंट पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है।
मकान मालिक सुरेंद्र यादव से पूछताछ की तो बोले कि उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कोई नहीं आया। नर्स लता जिस कमरे में रहती हैं, उससे सटा हुआ एक और कमरा है, उसमें अंकित सोलंकी व उसकी बहन डॉली रहते हैं। अंकित ने बताया कि जब से लता कोरोना पॉजिटिव आई हैं, उन्हें डर सता रहा है। वह और उनकी बहन खुद चेकअप कराने के लिए जेएएच पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने कहा, जब कुछ लक्षण दिखे तब चेकअप के लिए आना, फिर अंकित और डॉली लौट आए। जेएएच अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा ने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में आपके द्वारा लाया गया है। मैं इस संबंध में जिम्मेदारों से बात करके जानकारी लूंगा।