IAS बनना कोई रॉकेट साइंस नहीं है: निशांत जैन 13th रैंक ने कहा / How difficult is the study of IAS

Bhopal Samachar
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC - Union Public Service Commission) परीक्षा में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं। 2014-15 में उत्तर प्रदेश के मेरठ के निशांत जैन हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वालों में अव्वल रहे। वरीयता सूची में उनका 13वां स्थान रहा। निशांत ने बताया कि जब रिजल्ट आया तो वे 13वीं रैंक पाकर बड़े खुश हुए। उन्हें पता था कि इस बार उनका सिलेक्शन हो जाएगा। पर इतनी अच्छी रैंक मिलने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के लिए ये उनका दूसरा प्रयास था।

आईपीएस की तैयारी करते समय क्या करें

निशांत कहते हैं कि आईएएस बनना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, जिससे आप डर जाएं। बस खुद को पॉजिटिव रखें और नकारात्मकता फैलाने वालों से दूर रहें। हिंदी माध्यम के छात्र अक्सर अंग्रेजी भाषा से डरते हैं, लेकिन इसे हौव्वा न समझें और इसकी अच्छे से तैयारी करें। अंग्रेजी के प्रति एक बात ध्यान में रखें कि वह हिंदी से ज्यादा आसान होगी। हिंदी वर्णमाला में 52 अक्षर हैं, तो अंग्रेजी में 26 हैं।

यूपीएससी इंटरव्यू के दौरान क्या करें क्या ना करें

उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में पहला प्रश्न भाषा को लेकर ही पूछा गया था कि आप हिंदी में इंटरव्यू देना चाहेंगे या अंग्रेजी में। उन्होंने कहा, ‘मेरी प्राथमिकता हिंदी होगी, लेकिन यदि आप अंग्रेजी में करना चाहें, तो मुझे ऐतराज नहीं है।’ इसके बाद पैनल ने उनसे भाषा, अंग्रेजी, समाज, धर्म, भारतीय अर्थव्यवस्था, राजनीति आदि विषयों पर 35 मिनट तक चर्चा की। वे किसी भी प्रश्न पर घबराए नहीं, सहजता से जवाब दिए।

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