हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे भी है, जो लोगों को बहला- फुसलाकर किसी भी व्यक्ति से कई तरह के अपराध को अंजाम दिलवाते है। वास्तव में अपराध के पीछे किसी ओर का हाथ होता हैं। सामान्य भाषा में हम टीवी, न्यूज पेपर आदि में सुनते हैं, पुलिस को मुख्य आरोपी की तलाश है। मुख्य आरोपी वही होता हैं जो किसी व्यक्ति को दुष्प्रेरित करता है।
यदि हत्या के लिए उकसाता है परंतु हत्या नहीं होती तब
भारतीय दंड संहिता, 1860 धारा 115 के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को हत्या के लिए उकसाता हैं, एवं जो भी दुष्प्रेरित व्यक्ति है, वह हत्या नहीं कर पाता है, तब उकसाने वाले व्यक्ति को 7 वर्ष की कारावास एवं जुर्माने से दण्डिनीय किया जाएगा।
यदि हत्या के लिए उकसाता है, हत्या नहीं होती परंतु घायल हो जाता है
2. अगर दुष्प्रेरित व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट दी गई, तब दुष्प्रेरक को 14 वर्ष का कारावास ओर जुर्माने से दण्डिनीय किया जाएगा।
किसी भी प्रकार के अपराध के लिए उकसाता है परंतु अपराध नहीं होता
भारतीय दंड संहिता, 1860 धारा 116 के तहत किसी भी कारावास से दण्डिनीय अपराध को न किया जाना। अगर कोई व्यक्ति किसी भी अपराध को करने के लिए दुष्प्रेरित करता है, मगर उस अपराध को संबंधित व्यक्ति नहीं करता है, तब उकसाने वाले व्यक्ति को उस अपराध की सजा जो भी हो का एक चौथाई भाग का दंड मिलेगा या जुर्माने या दोंनो से दण्डित किया जाएगा।
यदि सरकारी कर्मचारी किसी को अपराध के लिए भड़काए
2. अगर यहां पर किसी लोक-सेवक (सरकारी कर्मचारी) द्वारा किसी अपराध को करने के लिए उकसाया जा रहा हैं,और किसी व्यक्ति द्वारा वह अपराध नहीं किया जाए, तब लोक-सेवक को उस अपराध की सजा जो भी है, उसकी आधे कारावास से या उतने ही जुर्माने से या दोंनो से दण्डित किया जायेगा। परन्तु लोक- सेवक का कर्तव्य वहा यह होना चाहिए कि वह संबंधित अपराध को रोकता हो।
उधारानुसार:- झूठी गवाही देने के लिए राहुल को सोनू उकसाता है। यदि राहूल झूठी गवाही न दे, तब भी सोनू इस धारा के तहत अपराधी माना जायेगा।
यदि 10 से ज्यादा लोगों को हड़ताल के लिए भड़काता है तब
भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 117 दस से अधिक व्यक्ति को किसी सार्वजनिक स्थान पर भड़काना। इस धारा में यह बात कही गई हैं, कि कोई भी व्यक्ति किसी जन- समूह, या हड़ताल कर रहे दस से अधिक व्यक्ति को भड़काने का कार्य करता है, उस व्यक्ति को तीन वर्ष की कारावास या जुर्माने या दोनों से दंडनीय किया जाएगा।
*उधारानुसार - वाद:-* एस. सुब्रमणिया अय्यर *बनाम* सम्राट, रेलवे की हड़ताल कर रहे रेल्वे के कर्मचारियों को रेल की पटरियों पर लेटने के लिए उकसाना, धारा 117 के तहत दण्डिनीय अपराध है।
बी. आर. अहिरवार होशंगाबाद(पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665