इंदौर। विश्व के कल्याण और नर्मदा की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा ने कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए कोई अनुष्ठान नहीं किया था, पालघर में साधुओं की मॉब लिंचिंग पर भी चुप रहे परंतु जैसे ही उत्तर प्रदेश में साधुओं की हत्या का मामला सामने आया 'बाबा का ड्रामा' शुरू हो गया।
कंप्यूटर बाबा आज इंदौर के गोमटगिरी स्थित अपने आश्रम पर एक शिष्य के साथ धूनी रमा कर बैठ गए। इंदौर से परिचित मीडिया कर्मियों को बुलाया गया। कुछ फोटो/ वीडियो और बयान के साथ ड्रामे का पहला एपिसोड खत्म हो गया। कंप्यूटर बाबा ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश में साधुओं की हत्या के खिलाफ अनशन पर हैं परंतु यह नहीं बताया कि उनका अनशन कितने दिन चलेगा।
दावा किया गया है कि बुधवार सुबह 9 बजे धूप में जलते कंडों के बीच बैठकर शुरू हुआ यह अनशन शाम 4 बजे तक चला। याद दिला दें कि इससे पहले जब भी भारत में किसी भी प्रकार की महामारी का प्रकोप हुआ, साधू सन्यासियों के आश्रम में विशेष यज्ञ अनुष्ठानों का आयोजन निश्चित रूप से किया गया था परंतु यह पहली बार है जब मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय साधु अपने आश्रमों में दो थे परंतु कोरोनावायरस को खत्म करने के लिए अपनी दिव्य शक्तियों का उपयोग नहीं कर रहे थे।