इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में जहां एक और कुछ जाहिल लोगों ने मेडिकल टीम पर पथराव किया था वहीं दूसरी ओर इसी शहर के परदेशीपुरा थाना में पदस्थ आरक्षक एवं जांबाज कोरोना वॉरियर अबरार खान शहर वासियों को कोरोनावायरस के हमले से बचाते हुए शहीद हो गए। वह गंभीर रूप से बीमार थे, फिर भी ड्यूटी पर तैनात थे क्योंकि नागरिकों को वायरस के हमले से बचाने के लिए अधिकतम पुलिस फोर्स की जरूरत है। शहीद अबरार खान ने कोरोना ड्यूटी के दौरान दो बार मौत को चकमा दिया लेकिन तीसरी बार मौत ने उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया।
शहीद अबरार खान 1 दिन राष्ट्र के बाद फिर से ड्यूटी पर लौट आई थी
इंदौर के परदेशीपुरा थाना में पदस्थ आरक्षक अबरार खान की दो दिन पहले भी तबियत बिगड़ी थी। उस दौरान उन्हें छुट्टी दे दी गयी थी लेकिन एक दिन के रेस्ट के बाद वो फिर ड्यूटी पर लौट आए थे क्योंकि इंदौर में कोरोनावायरस के इन्फेक्शन को रोकने के लिए 100% लॉक डाउन किया गया है। इमरजेंसी के अलावा यदि किसी भी स्थिति में कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है तो उसे तत्काल गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए हैं। पूरी पुलिस फोर्स 14 से 18 घंटे ड्यूटी कर रही है।
दूसरी बार रात में तबीयत खराब हुई, दवाई ली और सुबह फिर ड्यूटी पर आ गए
तबीयत खराब होने के बावजूद जांबाज कोरोना वॉरियर अबरार खान ड्यूटी पर तैनात थे। देर रात अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई लेकिन काम का ऐसा जुनून उन्हें था कि खान दवाई लेकर आज सुबह फिर ड्यूटी पर लौट आए और मालवा मिल इलाके में ड्यूटी पर तैनात हो गए।
अबरार खान ने मौत को दो बार चकमा दिया, तीसरी बार हार गए
यहां अबरार खान की फिर से तबियत बिगड़ी। साथ के जवान उन्हें लेकर फौरन पास के अस्पताल भागे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इंदौर को कोरोनावायरस के हमले से बचाने के लिए तैनात अबरार खान ने मौत को दो बार चकमा दिया लेकिन तीसरी बार वह खुद को बचा नहीं पाए।
डॉक्टरों ने अबरार खान को मृत घोषित कर दिया। उनकी मौत की खबर मिलते ही आईजी विवेक शर्मा मॉर्च्यूरी पहुंचे और फिर खान के परिवार से मिले। उसके बाद आईजी शर्मा परदेशीपुरा थाने गए और पूरे स्टाफ से बात की। आईजी विवेक शर्मा के मुताबिक़ परदेशीपुरा थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी अबरार खान के परिवार को सरकारी मदद का आश्वासन दिया है।