सीएम सर, अतिथि विद्वानों को आपने समर्थन दिया है, अब महाविद्यालय आवंटित कराएं / KHULA KHAT

Bhopal Samachar
माननीय मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन, यह कि मध्यप्रदेश राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक प्राध्यापकों के रिक्त पदों पर विगत चौबीस वर्षों से सीधी भर्ती नहीं की गई थी, परिणाम से स्वरूप इस पद के लिए यूजीसी द्वारा योग्य व्यक्तियों को प्रदेश सरकार विभिन्न नामों से अत्यंत अल्प मानदेय में इन्हीं कार्यों को करने के लिए महाविद्यालयों में नियुक्त करती रही है।

यह कि इन नियुक्तियों को पाए वर्तमान के पदनाम अतिथि विद्वान यूजीसी द्वारा सहायक प्राध्यापक और प्राध्यापक पदों की योग्यता धारित करते हैं और उनकी नियुक्ति विभाग के विज्ञापनों के अनुसार ही सर्वथा यूजीसी के मापदंडों के अनुक्रम में होती रही है,और कई विद्वानों का तो इन चौबीस वर्षों में से लगभग बीस से बाईस बार विभाग द्वारा चयन प्रक्रिया के अनुसार चयनित किया गया है।

यह की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा दो हजार सत्रह जो आपकी सरकार ने पिछले कार्यकाल में पीएससी के माध्यम से करवाई उनमें कई अतिथि विद्वानों ने पीएससी द्वारा घोषित अर्हता अंक भी प्राप्त किए किन्तु पदों की कमी चयन प्रक्रिया की खामी और अनियमितताओं के कारण उन्हें चयनित घोषित नहीं किया जा सका है!

यह किऐ से करीब पांच हजार अतिथि विद्वानों ने गत कई माह से भोपाल के शाहजहानी पार्क में अपने नियमितीकरण के लिए आंदोलन धरना व प्रदर्शन किया जिसमें आप स्वयं के साथ भाजपा के अन्य नेता डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ,डॉक्टर गोपाल भार्गव, बीडी शर्मा जी ,विश्वास सारंग जी आदि ने उपस्थित होकर अपना समर्थन व्यक्त किया था, व आप सब उनकी व्यथा और पीड़ा से वाकिफ हैं।

हाय प्रार्थी परीक्षा दो हजार सत्रह के द्वारा चयनित व नियुक्ति प्राप्त सहायक प्राध्यापकों को दिसंबर दो हजार उन्नीस में ज्वाइनिंग दी गई जिस कारण से करीब सत्ताईस सौ के लगभग अतिथि विद्वान आज दिनांक तक विस्थापन के नाम से फालैन आउट किया और रोजगार से बाहर हैंदिन है निवर्तमान सरकार ने,"कोई बाहर नहीं होगा"और "सभी अतिथि विद्वान यथावत रहेंगे" के ट्वीट का झुनझुना पकड़ाते हुए च्वाइस फिलिंग कराई पद रिक्त होने के बावजूद नौ मार्च को कॉलेज आवंटन की निकलने वाली सूची आज दिनांक तक प्रकाशित या प्रसारित नहीं की गई परिणामस्वरूपदो हजार से अधिक विद्वान बेरोजगार भुखमरी और अपने तथा अपने परिवार के भरण पोषण मेंअपने आप को असमर्थ पा रहे  हैं परिणाम स्वरूप नकारात्मकता और अवसाद के कारण कई अतिथि विद्वानों ने अपनी जान तक दे दीऔर कईयों की व उनके परिवार वालों कीअसमय जाने चली गई जिसकी जानकारी भी आपको निश्चित ही होगी।

किया कि नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों की ज्वाइनिंग देते समय न तो रिक्त स्थानों की स्थिति देखी गई और न ही कार्यरत अतिथि विद्वानों की योग्यता और अनुभवभष्टाचार और सुविधा संतुलन की दृष्टि से लोगों कोज्वाइनिंग देकर कार्यरत विद्वानों को फालैन आउट का पत्र थमा कर विस्थापित का नाम दिया गया जिनका विस्थापन आज दिनांक तक नहीं हो सका!

यह कि बरसों से कार्य कर रहे ऐसे योग्य विद्वानजो सहायक प्राध्यापक और प्राध्यापक के पदों पर नियुक्त होने के सर्वथा योग्य हैंऔर ऐसा उन्होंने गत कई वर्षों से अपने कार्य से साबित भी किया हैऔर उनकी नियमितिकरण करने की बहुप्रतीक्षित मांग भी है जिनके संबंध में भारत के अन्य कई राज्यों ने सकारात्मक निर्णय लेते हुए उन्हें नियमित किया है जिनका विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायलय ने समर्थन भी किया है तथा विरोध में की गई विभिन्न अपीलों को निरस्त करते हुए राज्य सरकार के नियमितिकरण के निर्णय को पुष्ट किया है तब भी मध्यप्रदेश राज्य की सरकार ऐसे योग्य और अनुभवी अतिथि विद्वानों को आज दिन तक नियमितिकरण नहीं कर सकी है।

अत: आप जैसे यशस्वी, 
लोकप्रिय और संवेदनशील व्यक्तित्व के पुनः मुख्यमंत्री बनने परअनंत शुभकामनाओं के साथ निवेदन है कि:-
1-गत कई वर्षों से प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में योग्य और अनुभवी विषय विशेषज्ञों जो वर्तमान में अतिथि विद्वान के पदनाम से कार्य कर रहे थे या कर रहे हैं को नियमितिकरण देने में सार्थक और प्रभावी नीति बनाकर प्रकाशित और प्रसारित करने की कृपा करें।

2-यह कि गत पांच महीनों से ऐसे अतिथि विद्वान जिन्हें विस्थापन के नाम से फालैन आउट देकर च्वाइस फिलिंग के बावजूद आज दिनांक तक महाविद्यालय आवंटित नहीं किए गए हैं और करोना वैश्विक महामारी के कारण लाकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई है। उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने पूर्व के कार्यरत महाविद्यालयों में उपस्थिति दिलवा कर न्यूनतम मानदेय दिलाए जाने का आदेश पारित व प्रकाशित कराए जाने की कृपा करें।

3-यह कि भारतीय जनता पार्टी के संवेदनशील और मर्मस्पर्शी नेता श्री मंत्री ज्योतिरादित्य जी सिंधिया, आप स्वयं, डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव जी, बीडी शर्मा जी, विश्वास सारंग जी सभी को इन अतिथि विद्वानों की पीड़ा ज्ञात है जिसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किए जाने की मेहरबानी करें। "धन्यवाद"
भवदीय
डॉक्टर उमाकांत तिवारी
वरिष्ठ अधिवक्ता मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
मोबा. 9424723377

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