प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा के खिलाफ किस एक्ट के तहत कार्रवाई करें | KNOW YOUR LAW

Bhopal Samachar
अपनी संपत्ति पर हक पाना सभी की इच्छा होती हैं चाहें वह चल संपत्ति हो, या अचल संपत्ति हो या अपना कोई पद हो, सभी आपने हक के लिए लड़ते रहते है। अक्सर हम देखते हैं कि यह माना जाता हैं, कानून अमीरों कि और झुकता है। जिससे देश में कुछ प्रचलित कानून व्यर्थं साबित होते है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है की आम लोगों को कानून की जानकारी नहीं होती हैं। इस कारण वह अपने हक की लड़ाई हार जाते हैं। आज हम आपको अपनी संपत्ति या जमीन को किसी दूसरे व्यक्ति से कैसे वापस लेंगे यह जानकारी संक्षिप्त में देगे।

लिमिटेशन एक्ट

यह कानून 1963 का अहम हिस्सा है। जो प्रतिकूल कब्जे का विस्तार है। इस कानून में दो तरह के कब्जे की बात कही गई हैं:- 1.प्राइवेट सम्पति। 2.सरकारी संपत्ति। अगर आपकी स्वयं की संपत्ति है तो आप 12 वर्ष के भीतर ही अपना हक ले सकते हैं। ''अगर आप को सरकार द्वारा दी गई थी तो आप 30 वर्षों के भीतर अपना हक ले सकते हैं।
【नोट:- यहां संपत्ति के साथ कोई पद, कोई सिविल विवाद (कोई भी सम्पति का नुकसान विवाद) भी ला सकते है】

उदहारण:- मोहन का घर भोपाल में है और मोहन इंदौर में रहता है। वह अपना भोपाल वाला मकान अपने चचेरे भाई सुरेश को रहने को दे देता है। 12 वर्ष बाद उस मकान पर सुरेश का मालिकाना हक हो जाएगा। चाहे मोहन के पास उसके सभी दस्तावेज क्यों न हो।

न्यायालय मे दावा के लिए क्या-क्या आवश्यक है

अगर आप किसी न्यायालय में वाद दायर कर रहे हैं तो आपके पास वो सभी दस्तावेज होना चाहिए जिससे यह साबित हो जाए कि संपत्ति आपकी है। अगर आप से जबरदस्ती एग्रीमेंट कराया है तब भी आप अपना वाद न्यायालय में दायर कर सकते हैं। 
आप अधिनियम की धारा 64, 65 के अंतर्गत आपकी संपत्ति से 12 वर्ष के भीतर जो नुकसान हुआ है। उसकी क्षति की मांग प्रतिवादी से कर सकते हैं।

क्या बिना वकील के भी सम्पति के लिए दावा कर सकते हैं

जी हाँ। अगर आप स्वयं कानून की जानकारी रखते हैं, तो आप स्वयं भी न्यायालय में वाद-पत्र दायर कर सकते हैं। आदेश क्र. 1,2,3,4,5,6 के अंतर्गत वाद-पत्र तैयार किया जाता है। इसके लिए सीपीसी की जानकारी होना आवश्यक है।

वाद-पत्र (याचिका) कहां दायर करें

अधिनियम की धारा 15 मे न्यायालय का क्षेत्राधिकार बताया गया है। किस न्यायालय में वाद-पत्र दायर करना है। आम आदमी जिला न्यायालय से भी संपर्क कर सकते हैं।

आर्थिक क्षेत्राधिकार-:

1). अगर आपकी संपत्ति की कीमत 5 लाख है तो आप द्वितीय श्रेणी सिविल जज से संपर्क करें।
2). 5 लाख से 1 करोड़ तक के लिए प्रथम श्रेणी सिविल जज से संपर्क करें।
3). 1 करोड़ से ऊपर का मामला है तो जिला न्यायालय में सम्पर्क करें।

अधिनियम की धारा 16 के अनुसार अगर आपकी सम्पति दो जिले में है तो जिला न्यायालय से संपर्क कर दोनों में से किसी भी न्यायालय में याचिका दायर कर सकते है।
बी. आर.अहिरवार होशंगाबाद(पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665

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