रिटायरमेंट के बाद संविदा नियुक्ति पर काम नहीं करना चाहते कर्मचारी / MP EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। कोरोना योद्धा के रूप में काम कर रहे कर्मचारियों को सरकार इस माह सेवानिवृत्त होने के बाद तीन महीने के लिए संविदा नियुक्ति दे रही है। इस माह सेवानिवृत्त होने वाले दो हजार में से करीब 1500 कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र हैं, लेकिन अधिकांश संविदा नियुक्ति नहीं लेना चाहते। बमुश्किल पांच सौ कर्मचारी संविदा पर नौकरी करने के लिए सहमत होंगे। इसकी बड़ी वजह उम्र और कोरोना संक्रमण का खतरा है, इसलिए ज्यादातर कर्मचारी सेवानिवृत्ति के दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व सहित नगरीय प्रशासन विभाग के कर्मचारी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए फ्रंट लाइन में आकर काम कर रहे हैं तो महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी सेकंड लाइन में हैं। ये सभी बड़े विभाग हैं। इन विभागों में से करीब डेढ़ हजार कर्मचारी 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सरकार इन कर्मचारियों को तीन माह के लिए संविदा पर रखना चाहती है, लेकिन ज्यादातर कर्मचारी इससे सहमत नहीं दिखाई दे रहे हैं।

कर्मचारियों के अपने तर्क हैं। वे कहते हैं कि सिर्फ तीन माह के लिए कौन जान जोखिम में डाले। वह भी यह जानते हुए कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर बच्चों और वृद्धों पर हो रहा है। इतना ही नहीं, संविदा नियुक्ति के लिए तैयार भी हो जाते हैं तो मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा योजना के लाभ और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

60 साल से अधिक आयु वालों को संक्रमण का ज्यादा खतरा है। यह जानते हुए भी 62 साल वाले जान जोखिम में डालने क्यों जाएंगे। कर्मचारी सेवानिवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं। कुछ लोग संविदा के लिए तैयार हो सकते हैं पर सरकार को इससे पहले क्लेम पूरे करना चाहिए और 50 लाख रुपए के बीमा और सुरक्षा की व्यवस्था करना चाहिए।- लक्ष्मीनारायण शर्मा, महामंत्री, मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ

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