भोपाल। डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर जे विजय कुमार के बाद, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य डॉक्टर पल्लवी जैन गोविल (आईएएस) और अपर संचालक स्वास्थ डॉ वीणा सिन्हा की पॉजिटिव रिपोर्ट के कारण मध्य प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स में कोरोनावायरस के प्रति दहशत देखी जा रही है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 14 वरिष्ठ अधिकारियों ने खुद को क्वॉरेंटाइन कर लिया है। ताजा समाचार यह है कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी कोरोनावायरस के संदिग्धों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। जांच के लिए उनका सैंपल कलेक्ट किया गया है।
मध्यप्रदेश में अफसरों की बी टीम तैयार
हालांकि अभी फ्रंटलाइन के सीनियर IAS ऑफिसर ने 14 दिन के करंट टाइम की ऑफिशियल इंफॉर्मेशन नहीं दी है लेकिन फिर भी राज्य सरकार ने अफसरों की बी टीम तैयार कर ली है। बाकी यदि वरिष्ठ अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो मध्यप्रदेश में किसी भी प्रकार के काम में कोई बाधा ना आए। इस टीम में राजेश राजौरा, नीतेश व्यास, मोहम्मद सुलेमान, उमाकांत उमराव, दीपाली रस्तोगी, डीपी आहूजा, बी चंद्रशेखर, मनोज गोविल, मनु श्रीवास्तव, अशोक वर्णवाल, एस धन राजू, इलैया राजा टी, संदीप यादव और विवेक पोरवाल को शामिल किया गया है। ये अफसर कोरोना के खिलाफ बनी वार टीम का हिस्सा होंगे। जानकारी के मुताबिक, टीम बी वैकल्पिक तौर पर तैयार की गई है। यह टीम जरूरत पड़ने पर कोरोनावायरस को रोकने के लिए काम करेगी।
मरीजों की संख्या बढ़कर 182, मृतकों की संख्या 11
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 182 हो गई है। इनमें से अब तक 11 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। इंदौर में सबसे ज्यादा 128 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यही वजह है कि यहीं पर कोरोना पीड़ित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा है। इंदौर में अब तक 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। इंदौर के अलावा उज्जैन में दो, खरगोन में एक एवं छिंदवाड़ा में एक मौत हो चुकी है।
किसी भी अफसर के घर नहीं लगा DO NOT VISIT का पर्चा
मध्यप्रदेश में ऐसे लोग जिन्हें एहतियात के तौर पर होम क्वॉरेंटाइन किया गया है उनके दरवाजों पर भी 'DO NOT VISIT' का पर्चा लगा दिया जाता है परंतु भोपाल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 3 अधिकारी पॉजिटिव, 14 अधिकारी संदिग्ध होने के बावजूद किसी के भी घर के बाहर DO NOT VISIT का पर्चा नहीं लगाया गया है। यहां बताना जरूरी है कि 14 अफसरों ने सेल्फ क्वॉरेंटाइन शुरू कर दिया है। प्रशासनिक अकादमी, घर या होटल जिसे जहां जगह मिली वहां क्वॉरेंटाइन में चला गया है। जबकि इन अधिकारियों के घर दैनिक काम (कपड़े/बर्तन/झाड़ू-पोछा) करने वाले कर्मचारियों का आना-जाना लगातार जारी है।