छतरपुर। छतरपुर का किसान कलेक्टर और पुलिस नाम के दो पाटों के बीच में पिस रहा है। एक तरफ कलेक्टर कहते हैं कि सब्जियों को गांव से शहर में आने के लिए कोई रोक-टोक नहीं है दूसरी तरफ सीमा पर तैनात पुलिस किसान को मंडी की तरफ जाने नहीं देती। हालात यह है कि किसान बर्बाद भी हो रहा है और उसकी बर्बादी सरकारी रिकॉर्ड में भी नहीं है।
किसान मंडी नहीं आ पा रहा: ANI
न्यूज़ एजेंसी ANI ने दावा किया है कि छतरपुर में लॉकडाउन के बीच परिवहन का साधन ना होने की वजह से टमाटर मंडी नहीं जा पा रहे हैं और खेत में ही सड़ रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। एक किसान ने बताया जब से लॉकडाउन हुआ है 8-10क्विंटल टमाटर सड़ गए हैं।
हमने किसी को नहीं रोका: कलेक्टर
शीलेंद्र सिंह, छतरपुर कलेक्टर का कहना है कि टमाटर लाने ले जाने पर यहां रोक नहीं है। हम एक दिन छोड़ कर दूसरे दिन मंडी भी खोल रहे हैं। गांव से कोई सब्जी लेकर आने वाला है तो उस पर कोई रोक नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल, जवाब किससे मांगे
किसान की बर्बादी खेतों में नजर आ रही है।
कलेक्टर ने एक बयान देकर पल्ला झाड़ लिया है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जवाब कैसे मांगा जाए।
यदि पुलिस किसानों को मंडी तक आने से रोक रही है तो शिकायत कहां करें।
क्या कलेक्टर का गैर जिम्मेदाराना रवैया किसानों की बर्बादी का कारण नहीं बन रहा।
इन परिस्थितियों में कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि प्रशासनिक अधिकारियों को राउंड पर भेजें। किसानों तक अपना हेल्पलाइन नंबर पहुंचाएं ताकि परेशानी में वह मदद मांग सकें। जैसा रायसेन में हुआ और छतरपुर में नहीं हो रहा।