भोपाल। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा ने मध्यप्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। श्री विवेक तन्खा ने भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर बताया है कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में जो सरकार है वह अवैधानिक हो गई है क्योंकि मध्यप्रदेश में सिर्फ एक व्यक्ति की सरकार है। कोई मंत्रीमंडल नहीं है। आपातकालीन हालात हैं। कई वरिष्ठ अधिकारी महामारी से पीड़ित हैं एवं शिवराज सिंह चौहान स्थिति को नियंत्रित कर पाने में बिफल हो गए हैं। 7.5 करोड़ जनता की रक्षा के लिए मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
सांसद श्री विवेक तंखा ने अपने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश में इन दिनों सिर्फ एक आदमी की सरकार संचालित हो रही है। उसके पास कोई मंत्रिमंडल नहीं है जो विषम परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए अति आवश्यक एवं अनिवार्य है। मध्यप्रदेश में जबकि घोषित रूप से महामारी फैली हुई है, कोई स्वास्थ्य मंत्री नहीं है। बिना स्वास्थ्य मंत्री के महामारी पर नियंत्रण पाना निश्चित रूप से आसान नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव भी महामारी से पीड़ित हों।
भारतीय संविधान (आर्टिकल 163) के अनुसार किसी भी प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ उसकी कैबिनेट होना अनिवार्य है। प्रदेश का कोई भी महत्वपूर्ण फैसला बिना कैबिनेट में परामर्श के नहीं लिया जा सकता परंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिना कैबिनेट के मध्य प्रदेश में लॉक डाउन घोषित कर दिया एवं अकेले ही सभी महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं जो आम जनता के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।
ऐसी स्थिति में जबकि इंदौर हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। लोगों का जीवन खतरे में है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हालात नियंत्रण के बाहर होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का प्रशासन/प्रबंधन पूरी तरह से खत्म हो चुका है। 45 से ज्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पॉजिटिव पाए गए हैं।
सांसद विवेक तंखा ने लिखा कि जबकि स्थिति मुख्यमंत्री के नियंत्रण से बाहर चली गई है और वर्तमान में कोई कैबिनेट नहीं है तो दूसरा विकल्प केवल यही है कि मध्य प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए। सांसद विवेक तन्खा ने एक आम नागरिक, वकील और राज्यसभा सदस्य होने के नाते राष्ट्रपति से मांग की है कि वह मध्य प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की रक्षा करें।