जो मशीन (वेंटिलेटर) जिंदगी बचाती है, सरकार उस पर कितना TAX लगाती है, पढ़िए | important issues in india

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। भारत में सरकार किसी भी पार्टी की हो परंतु वह एक दवा जरूर करती है और वह यह कि सरकार जनता के हित में काम किया। लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए पैसा खर्च किया। लोगों की जान बचाने के लिए खजाना खोल दिया परंतु असल में ऐसा नहीं है। जो वेंटिलेटर लोगों की जिंदगी बजाता है उस पर सरकार को सब्सिडी देना चाहिए परंतु क्योंकि वेंटिलेटर से वोट नहीं मिलते इसलिए सरकार इस पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाती है। पूरी दुनिया की किसी भी देश से ज्यादा। आप जानकर चौंक जाएंगे, दुनिया के तमाम देशों की सरकारों की तुलना में भारत की सरकार चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूल रही है।

वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन ( WTO) ने कहा है कि भारत सरकार पूरी दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है जो लोगों की जान बचाने वाले मेडिकल इक्विपमेंट, मेडिसिन, ऑक्सीजन मास्क पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलती है। मरते हुए लोगों की जान बचाने वाली मशीन (वेंटिलेटर) पर सब्सिडी दी जानी चाहिए परंतु WTO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार रेस्पिरेटर/वेंटिलेयर पर 10% ड्यूटी लगाता है जबकि चीन केवल 4% ड्यूटी लगाता है। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब भारत वेंटिलेटर की भारी कमी से जूझ रहा है। सरकार ने 10 हजार वेंटिलेटर खरीद के लिए टेंडर भी जारी किया है।

MFN सरकारों का औषध टैक्स 4.8% जबकि भारत सरकार का 10% से ज्यादा

WTO की रिपोर्ट के मुताबिक, मोस्ट फेवर्ड नेशन्स (MFN) द्वारा कोविड-19 से जुड़े मेडिकल प्रॉडक्ट्स पर औसत इंपोर्ट ड्यूटी WTO के सदस्य देशों के लिए 4.8 फीसदी है। नॉन-एग्री प्रॉडक्ट्स के लिए औसत ड्यूटी 7.6 फीसदी है जिससे यह कम है, जबकि भारत नॉन एग्री प्रॉडक्ट्स पर 11.60 पर्सेंट की ड्यूटी लगाता है।

अन्य मेडिकल प्रॉडक्ट्स की बात करें तो मोस्ड फेवर्ड नेशन्स (MFN) द्वारा मेडिसिन पर सबसे कम औसतन 2.1 फीसदी और पर्सनल प्रोटेक्टिव प्रॉडक्ट्स पर अधिकतम औसतन 11.50 फीसदी इंपोर्ट टैक्स लगाया जाता है जबकि भारत मेडिसिन पर 10 पर्सेंट और पर्सनल प्रोटेक्टिव प्रॉडक्ट्स पर 12 पर्सेंट इंपोर्ट टैक्स वसूलता है।

चीन ने भारत को वेंटिलेटर देने से मना किया

भारत में वेंटिलेटर की कुल संख्या सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर 40 हजार के करीब है, जबकि कोरोना के कारण इसकी डिमांड काफी बढ़ गई है। कमी के कारण भारत ने चीन से वेंटिलेटर खरीदने का फैसला किया है लेकिन चीन की तरफ से जो बयान आए हैं उससे भारत के लिए चिंता बढ़ सकती है। दरअसल, चीन ने इसपर कहा है कि वह आवश्यक वेंटिलेटर भारत को देने के लिए तैयार है लेकिन फिलहाल उत्पादन में कठिनाई आ रही है क्योंकि उन्हें वेंटिलेटर बनाने के लिए कलपुर्जों का आयात करना पड़ेगा।

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