ग्वालियर। मात्र दस किलो चावल के लिए गरीबों को फुटबॉल बनाकर रख दिया गया है। बिना तैयारी के ही यह घोषणा कर दी गई कि सभी राशनकार्डों पर चावल मिलेगा, जब लोग सुबह से मुफ्त चावल के लिए खाली थैला लेकर कंट्रोल पहुंचे, जैसे तैसे उनका नंबर आया तो कंट्रोल वालों ने उन्हे नगर निगम से स्लिप लेकर आने को कहा यहां पहुंचे तो नगर निगम वालों ने उन्हे कलेक्ट्रेट का रास्ता दिखा दिया। यहां से भी उन्हे गार्डों ने धकिया दिया, तमाम संघर्ष के बाद भी उनका काम नहीं हुआ और लौटकर कंट्रोल पहुंचे तो वहां ताले लटके हुए थे।
कलेक्ट्रेट में गार्ड ने भीतर ही नहीं जाने दिया
जब यह परेशान तेज धूपमें पसीना बहाते हुए जैसे-तैसे कलेक्ट्रेट पहुंचे तो यहां उन्हे गार्ड ने उन्हे दस नंबर कमरे तक ही नहीं जाने दिया, बल्कि बाहर से ही धकिया दिया। लॉकडाउन के चलते गरीबों को राहत प्रदान करने की सोच से प्रशासन द्वारा पिछले दिनों यह घोषणा की गई थी कि सफेद राशकार्ड पर भी कंट्रोलों से मुफ्त में दस किलों चावल दिए जाएंगे।
इस मुफलिसी में यह दस किलों चावल भी लोगों को बड़ा सहारा दिखा, जिसके चलते वह सबसे पहले अपने जनप्रतिनिधियों जिसमें पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक, पूर्व पार्षद हैं, इनके यहां राशन कार्ड पर सील लगवाने पहुंच गए, यहां कुछ का काम बना अधिकांश चलता कर दिए गए।
इसके बाद गुरुवार सुबह जब परेशान जरूरतमंद कंट्रोल पहुंचे तो इनसे कहा गया कि पहले राशनकार्ड को दिखाकर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय से पर्ची बनवाकर लाओ, यह परेशान निगम दफ्तर पहुंचे तो क्षेत्र क्रमांक तीन पर केवल चपरासी मिला, बाकी स्टाफ गायब था, काफी इंतजार के बाद एक बाबू पहुंचे तो परेशानों को आस बंधी, लेकिन उसने भी हाथ खड़े करते हुए कहा कि यह निगम का काम नहीं कलेक्ट्रेट जाओ और दस नंबर से पर्ची तैयार कराओ।
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