ज्योतिष कहती है: महामारी का खतरनाक वक्त गुजर गया, 30 जून से असर दिखेगा / JYOTISH and CORONA

Bhopal Samachar
AIIMS के डायरेक्टर का कहना है कि जून और जुलाई के महीने में कोरोनावायरस से संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किए जा सकते हैं परंतु भारत के कई ज्योतिषियों का कहना है कि भारत देश में महामारी से मौतों का खतरा टल चुका है। यह 14 अप्रैल तक ही था। ग्रहों की चाल बदल रही है। 1 जून से संक्रमण की रफ्तार कम होगी। 30 जून के बाद संक्रमण का ग्राफ गिरता हुआ नजर आएगा। 

21 जून को ब्रह्मांड में क्या होगा जो कोरोनावायरस को नष्ट कर देगा

वरिष्ठ ज्योतिष शास्त्री आचार्य डॉ. पवन त्रिपाठी का कहना है कि 30 मार्च को बृहस्पति का संचार धनु राशि से मकर राशि में हुआ था, जो 30 जून तक रहेगा। 30 जून को बृहस्पति वक्री होकर पुन: धनु राशि में आ जाएंगे। इसी बीच 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इसी दिन मंगल भी शनि की राशि छोड़कर बृहस्पति की राशि में जाएंगे, जो इस महामारी का प्रभाव कम करने में सहायक होंगे। 

वक्री शनि के कारण भारत के लिए कष्टकारी समय

बता दें कि इससे पहले 26 दिसंबर, 2019 को पड़े सूर्य ग्रहण का परिणाम अशुभ साबित हुआ है। इसके बाद ही भारत में इस महामारी का प्रभाव बढ़ना शुरू हुआ था। त्रिपाठी कहते हैं कि 11 मई के बाद से शनि भी वक्री हो गए हैं। वक्री शनि का प्रभाव शुभ नहीं होता। इसलिए अभी कुछ दिन भारत के लिए कष्टकारी साबित हो सकते हैं। 

भारत में महामारी से मौतों के तांडव का खतरा 14 अप्रैल तक था

महामारी से राहत के बारे में बात करते हुए पवन त्रिपाठी बताते हैं कि भारत वर्ष की कुंडली के अनुसार भी 14 अप्रैल तक समय ज्यादा खराब था। भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 25 मार्च, 2020 अर्थात बुधवार को हुआ है। यानी इस वर्ष के राजा बुध हैं और उनके साथ मंत्री के रूप में चंद्र हैं। इन दोनों के प्रभाव से इस रोग का शमन जून 2020 तक हो जाने की संभावना है।

20 से 30 जून के बीच ग्राफ नीचे गिरने लगेगा

काशी के प्रख्यात ज्योतिष शास्त्री प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने बताया कि शनि 18 जून को वक्री हो रहे हैं और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण में रहेंगे। इस समय सूर्य मिथुन राशि में तो शनि मकर राशि में होंगे। यही नहीं 27 मई को बृहस्पति भी वक्री हो रहे हैं, शनि जब वक्री होंगे तो कोरोना का प्रभाव कम होगा। यह प्रभाव 20 जून से 30 जून के बीच दिखाई देने लगेगा। 

जून के प्रारंभ से ही संक्रमण की रफ्तार थमने लगेगी

प्रख्यात ज्योतिषाचार्य केएन राव और उनके शिष्यों ने कोविड-19 का कोट (किला) चक्र बनाकर इसकी विस्तृत गणना की है। जर्नल ऑफ एस्ट्रोलॉजी में प्रकाशित इस ज्योतिषीय अध्ययन में कहा गया है कि 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर आ जाएगा, यहां से कीटाणुओं और वायरस के खात्मे में तेजी आ जाएगी। और जब 19 अगस्त को राहु मृगशिरा नक्षत्र में और केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा, तब कोविड-19 का पतन स्पष्ट अनुभव किया जाएगा। इस गणना में संभावना जताई गई है कि जून के प्रारंभ में भारत में परिस्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ जाएंगी। फरवरी से मई के बीच जो कठिनाई सामने आई, उसकी तुलना में समय सामान्य प्रतीत होगा। 

हिंदू धर्म में 5000 साल पहले सोशल डिस्टेंसिंग इन को अनिवार्य कर दिया था 

याद दिलाने की सारी दुनिया ने अब जाकर सोशल डिस्टेंसिंग को मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य माना है परंतु हिंदू धर्म में 5000 साल पहले सोशल डिस्टेंस इन को मानव जीवन में अनिवार्य कर दिया गया था। करीब 100 साल पहले जब अंग्रेजों द्वारा भारत में जातिवाद को बढ़ावा दिया गया तब सोशल डिस्टेंसिंग को छुआछूत का नाम दिया गया और इसके खिलाफ देश भर में अभियान चलाकर इसे खत्म किया गया।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!