लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल बंद है। करीब दो महीने से बच्चे घर पर ही हैं। फीस वसूलने के लिए स्कूलों ने ऑनलाइन क्लास शुरू करवा दीं हैं। दावा करते हैं कि इससे बच्चों को स्टडी लॉस नहीं होगा लेकिन ऑनलाइन स्टडी से पेरेंट्स भी संतुष्ट नहीं हैं।
इस तरह की ऑनलाइन स्टडी का रिजल्ट कुछ नहीं
बच्चों के मां-बाप का कहना है कि स्कूल की ओर से ऑनलाइन स्टडी के नाम पर सिर्फ आईवॉश हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई में हर दिन डेढ़ से 2GB डाटा खत्म हो रहा है। एक ही बच्चे की पढ़ाई में एक जीबी से ज्यादा डाटा खत्म हो जाता है। घर में दो या तीन बच्चे हैं तो दोबारा पैक डलवाना पड़ रहा है लेकिन इसका रिजल्ट कुछ नहीं। कुछ बच्चों को वीडियो कॉलिंग के जरिए स्टडी कराई जा रही है तो कुछ व्हाट्सएप पर। वीडियो कॉलिंग में डेटा का मीटर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऑनलाइन स्टडी में बच्चे अपनी मर्जी के मालिक हैं, अगर उन्होंने होमवर्क नहीं भी किया हो तो भी उन्हें कोई डांटने-फटकराने वाला नहीं।
लॉकडाउन को बच्चों ने लॉटरी समझ लिया है
उनका तो कहना है स्कूल बंद ही रहे और हमलोग घर से ही स्टडी करते रहें तो ज्यादा अच्छा है लेकिन पेरेंट्स के लिए यह डबल परेशानी का समय है। बच्चे स्टडी के लिए मोबाइल लेते हैं फिर उसमें गेम खेलने लगते हैं। पूरा टाइम सिर्फ मोबाइल देखने से भी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जब से ऑनलाइन क्लास शुरू हुई है, बच्चे पहले से भी ज्यादा मोबाइल फोन यूज करने लगे हैं। सुबह नौ बजे क्लास स्टार्ट होती है तो तीन से चार घंटे तक चलती है। इसके बाद बच्चे मोबाइल फोन पर ही गेम खेलना शुरू कर देते हैं। बाकी समय में टीवी देखने लगते हैं। इससे उनकी आंखों और सिर पर बुरा असर पड़ सकता है।