लगभग 70 दिन से लॉकडाउन चल रही बॉलीवुड इंडस्ट्री में अब हलचल शुरू हो गई है। लॉकडाउन-5 के दौरान मुंबई के फिल्म स्टूडियोज में फिल्म एवं टीवी कार्यक्रमों की शूटिंग शुरू करने की तैयारी है। प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ हाल ही में एक वर्चुअल मीटिंग के बाद 37 पन्नों का दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें शूटिंग के दौराज तमाम तरह की सावधानियां बरतने की बातें विस्तार से कहीं गयीं हैं।
बॉलीवुड के लिए तैयार गाइडलाइन की खास बातें
- सेट पर हर क्रू मेम्बर को त्रिस्तरीय मेडिकल मास्क और ग्लव्स पहनना होगा।
- एंट्री व एक्जिट पॉइंट और शूटिंग के दौरान सभी के लिए सैनिटाइजिंग की व्यवस्था।
- कॉन्टैक-विहिन थर्मामीटर से रोज़ाना टेम्परेचर चेक करने की व्यवस्था।
- स्टूडियो को शूटिंग के पहले और बाद में, दोनों सूरत में सैनेडाइज़ करना जरूरी होगा, जिसे सरकार द्वारा आधिकारिक एजेंसी द्वारा अंजाम दिया जाएगा।
- शूटिंग में मौजूद हर व्यक्ति को एक-दूसरे से करीब दो मीटर की दूरी बनाए रखनी होगी।
- सेट पर एंटी-कोविड संबंधी दिशा निर्देशों की निगरानी के लिए लोगों की नियुक्ति।
- शूटिंग के दौरान एक एम्बुलेंस की व्यवस्था।
- 3 महीने तक अलग-अलग शिफ्ट में दो जूनियर लेवल डॉक्टर की सेट पर नियुक्ति।
- शूटिंग संबंधी सभी उपकरणों को बार-बार किटाणु-रहित किये जाने पर जोर।
- पूरे सेट को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा और हर जोन में 15 से अधिक लोग मौजूद नहीं होंगे।
- किसी को एक जोन से दूसरे जोन में जाने की इजाजत नहीं होगी।
- शूटिंग के लिए जब तक आवश्यकता न हो, तब तक कलाकार अपने-अपने कमरे में ही रहेंगे।
- कलाकारो के स्टाफ मेम्बर्स को महज आपातकालीन स्थिति में ही सेट पर आने की इजाजत होगी।
- सेट पर अनावश्यक मेहमानों के आने पर भी रोक होगी।
- दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं करनेवाले लोगों को आगे से शूटिंग में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी।
समय के हिसाब से चलना होगा: प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के वाइस-प्रेसिडेंट मनीष गोस्वामी ने कहा, "समय तेजी से बदल रहा है। मौजूदा हालात में हम सभी को शूटिंग के नये तौर-तरीके अपनाने पड़ेंगे। लोगों को भले ही लगता हो कि चीजें व्यवहारिक न हो, लेकिन बदले हुए समय के हिसाब से हमें चलना होगा और तभी हम आगे बढ़ पाएंगे। कोशिश करने से हर चीज मुमकिन होती है।"
इंडियन टेलीविजन ऐंड फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल भी गाइडलाइन बना रही है
इंडियन टेलीविजन ऐंड फिल्म प्रोड्यूसर्स काउंसिल के अध्यक्ष जे. डी. मजीठिया का कहना है कि 'जितनी भी गाइडलाइन्स बनेंगी, उसमें 60-70 फीसदी बातें तो कॉमन ही होंगी। हमें उनके समन्वय के हिसाब से काम करना होगा। हमारी संस्था की ओर से भी गाइडलाइन्स बन रहीं हैं, जिससे हम जल्द ही सबके सामने रखेंगे और राज्य सरकार के सामने भी इसे पेश करेंगे। बदले हुए हालात का ख्याल तो रखना ही होगा।'
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज: गाइडलाइन टीवी इंडस्ट्री के लिए नहीं
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज के अध्यक्ष बी. एन. तिवारी ने गिल्ड द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि 'मुझे लगता है कि गिल्ड द्वारा बनाये गये ये ज्यादातर दिशा-निर्देश फिल्म इंडस्ट्री पर लागू हो सकते हैं और टीवी इंडस्ट्री के लिए ये गाइडलाइन्स व्यवहारिक जान नहीं पड़ते। टीवी इंडस्ट्री की जरूरतें और काम करने का तरीका थोड़ा अलग होता है।'
सिने ऐंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ने कहा: हमने तो किसी ने पूछा ही नहीं
सिने ऐंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी अमित बहल ने गिल्ड की गाइडलाइन्स को लेकर दो टूक शब्दों में कहा कि 'दिशा-निर्देश जारी करने से पहले हमसे और इंडस्ट्री की बाकी संस्थाओं से किसी तरह की कोई सलाह नहीं मांगी गयी और न ही किसी से संपर्क किया गया। बेहतर होता कि कलाकारों से जुड़ी हमारी बॉडी और इंडस्ट्री के सभी हितधारकों से संपर्क किया जाता. जहां तक इन दिशा-निर्देशों की व्यवहारिकता की बात है, तो इसके बारे में मैं क्या कहूं? सबकी सलाह और मान्यता से ही तो एक बेहतरीन गाइडलाइन बनायी जाती है, न कि अकेले कोई फैसला लेकर।'