अक्सर देखा जाता है बड़ी-बड़ी कंपनियों या खेतों में ऐसी मशीनरी का प्रयोग भी किया जाता है। जो या तो खराब हो गई है या इनको चलाने वाला व्यक्ति इन मशीनों को लापरवाही बरतते हुए चला रहा है। जिससे जनसाधारण को क्षति या उपहति (चोट) पहुँचने की संभावना मात्र हो। इस तरह का कार्य एक अपराध की श्रेणी में आता है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 287 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति द्वारा निम्न कृत्य किये जाते हैं तो वह इस धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा -
1. किसी मालिक द्वारा मशीनों का रख रखाव एवं संचालन सही तरीके से न किया जाना एवं जिससे मानव जीवन में संकट उत्पन्न होने की संभावना हो।
2. कोई भी मशीन को लापरवाही से चलाने मात्र से जिससे कि किसी व्यक्ति को क्षति या चोट पहुंचाने की संभावना हो।
3. कंपनी या मशीनरी मालिक द्वारा नोकर या कर्मचारी से जबरदस्ती खराब मशीन चलवाने मात्र से मालिक को अपराधी ठहराया जाएगा।
आईपीसी की धारा धारा 287 दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते है। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय होते है। इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती हैं। सजा- 6 माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
उधारानुसार:- यदि कोई कारखाने का मालिक अपने नोकर या कामगार को किसी ऐसी मशीन पर काम करने के लिए बाध्य करता है, जो किसी खराबी के कारण ठीक तरह से काम नहीं कर रही हैं।उस मालिक को इस धारा के अंतर्गत दोषी माना जाएगा।
बी.आर.अहिरवार होशंगाबाद (पत्रकार एवं लॉ छात्र) 9827737665