अक्षांश अवस्थी। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के लोग और प्रशासन गवाह है, एशियाई महाद्वीप में जब जब कोई प्राकृतिक आपदा आई, उसके पहले बाजना गांव में स्थित एक प्राकृतिक जल कुंड के जलस्तर में वृद्धि हुई है। माना जाता है कि यह प्राकृतिक जल कुंड भूगर्भीय घटनाओं की पूर्व सूचना देता है। लोग बताते हैं कि डिस्कवरी चैनल के विशेषज्ञ भी इस कुंड की गहराई पता नहीं कर पाए। इस कुंड का निर्माण कब हुआ और यह कितना प्राचीन है इसकी ठोस जानकारी सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नहीं है परंतु कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडव भीम ने इस कुंड का निर्माण किया था।
भीम ने जमीन में गदा मारकर जलकुंड बनाया था: किंवदंतियों के अनुसार
यह रहस्यमयी भीम कुंड मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से 70 किलोमीटर दूर बाजना गांव में स्थित है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि महाभारत काल के समय में जब पांडव अज्ञातवास में थे और वो इधर-उधर भटक रहे थे। इसी बीच उन्हें प्यास लगी और पानी कहीं नहीं मिला। तब भीम ने अपनी गदा से मारकर यहां पर कुंड बनाया जिसके कारण पानी आ गया। साथ ही इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि ये कुंड देखने बिलकुल गदा के जैसा है। आकार की बात करें तो यह कुंड 40-80 मीटर चौड़ा है।
इस कुंड की गहराई आज तक कोई नहीं नाप पाया
इसकी गहराई को नापने के लिए बहुत बार प्रयास किया गया जिसमें एक बार विदेशी वैज्ञानिकों ने कुंड की गहराई को नापन के लिए कैमरा को 200 फीट तक अंदर भेजा लेकिन वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली। डिस्कवरी चैनल के कुछ विशेषज्ञ भी इसकी गहराई नापने आए थे परंतु खाली हाथ वापस लौट गए। इस कुंड में कई रहस्य हैं, जिनके जवाब किसी को नहीं मिले। आज भी वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जबाव नहीं है कि जब कोई भी प्रलय आने वाला होता है तो इस कुंड का जलस्तर क्यों बढ़ जाता है। इस कुंड के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसका पानी गंगा की तरह बिलकुल पवित्र है और यह कभी खराब नहीं होता, जबकि ठहरा हुआ पानी धीरे-धीरे खराब होने लगता है।