भोपाल। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा पुलिस विभाग में उन सभी इनोवेशंस को अप्रूवल देते जा रहे हैं जो शायद उनका ही वेट कर रहे थे। FIR AT YOUR HOME के बाद अब WOMAN CRIME CELL को एक्टिव किया गया है। महिलाओं को बताया जा रहा है कि यदि उनके साथ कोई अपराध हुआ है तो वह मध्य प्रदेश के किसी भी पुलिस थाने में मामला दर्ज करा सकती हैं। कोई भी पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करने से इनकार नहीं कर सकता। हालांकि यह अधिकार किसी भी नागरिक को प्राप्त है परंतु थानेदार मामला दर्ज करने से मना कर देते हैं।
महिलाएं फोन पर शिकायत दर्ज करा सकती हैं, थाने आने की जरूरत नहीं
पहले महिलाएं लैंगिक अपराधों (Sexual Crimes) के मामले में अपनी शिकायत अमूमन महिला थाने में ही करा सकती थीं। अब वे किसी भी थाने में जाकर या फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। महिलाओं को थाने आने के लिए कोई भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी बाध्य नहीं कर सकता है। महिला की शिकायत पर किसी महिला कांस्टेबल या अधिकारी को पीड़िता के घर या घटनास्थल जाकर उसकी शिकायत सुननी होगी। बयान दर्ज कराने के लिए भी पीड़ित महिला के घर जाना होगा।
सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाया जा रहा है
लॉक डाउन के दौरान महिला अपराध को लेकर पुलिस मुख्यालय का विशेष जन जागरण अभियान जारी है। अधिकांश सोशल मीडिया के जरिए अभियान चलाया जा रहा है। इस जन जागरण अभियान के तहत महिलाओं को जागरूक करने के साथ पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि महिला अपराधों में किस तरीके से कार्रवाई करना चाहिए। साथ ही यह भी बताया गया कि महिला अपराधों को लेकर कानून में क्या विशेष प्रावधान दिए गए हैं।
लैंगिक अपराधों में विशेष अधिकार
लैंगिक अपराधों से पीड़ित महिलाओं को विशेष कानूनी अधिकार प्राप्त हैं। पीड़ित महिला की FIR महिला अधिकारी को लिखनी होती है।
FIR पीड़ित के निवास या पीड़ित द्वारा बताए गए वैकल्पिक स्थान पर लिखे जाने का प्रावधान है।
गंभीर अपराधों मसलन यौन अपराधों में लिप्त 16 से 18 आयु वर्ष के बालकों के खिलाफ भी वयस्क व्यक्ति की तरह सक्षम न्यायालय द्वारा विचारण करने का आदेश दिया जा सकता है।
जेजे एक्ट-2015 के सेक्सन 15 व 18 में इस आशय का प्रावधान है।