रसोई गैस सिलेंडर यानी कि LPG सिलेंडर तो सभी ने देखा होगा। यह सुर्ख लाल रंग का होता है। सवाल यह है कि रसोई गैस सिलेंडर लाल रंग का क्यों होता है। भारत में लाल रंग खतरे का प्रतीक होता है। तो क्या यह माना जाए कि रसोई गैस सिलेंडर से खाना पकाना खतरनाक है। इसीलिए रसोई गैस सिलेंडर का रंग लाल रखा गया या फिर इसके पीछे कोई और कारण है। आइए जानने की कोशिश करते हैं:
दरअसल दुनिया में LPG (LIQUEFIED PETROLEUM GAS) जिसे आप रसोई गैस कहते हैं, से पहले भी कई तरह की गैस मानव हित में उपयोग की जाती रही है। मानव जीवन को आसान बनाने के लिए एलपीजी के अलावा ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन और गुब्बारे वाली हीलियम गैस को पहले से ही सिलेंडर में भरा जाता रहा है। गैस को सिलेंडर में भरना तो बहुत आसान है परंतु भरे हुए सिलेंडर यदि मिक्स कर दिए जाएं तो डिलीवरी बॉय या कोई आम नागरिक पहचान पाने में असमर्थ हो जाएगा कि किस सिलेंडर में कौन सी गैस है। इसलिए हर प्रकार की गैस के सिलेंडर को एक विशेष रंग दिया गया। इसी क्रम में एलपीजी यानी रसोई गैस के सिलेंडर को लाल रंग दिया गया। यानी कि लाल रंग द्रवित पेट्रोलियम गैस के सिलेंडर की पहचान है।
किस रंग के सिलेंडर में कौन सी गैस भरी होती है
सफेद रंग के सिलेंडर में ऑक्सीजन गैस होती है।
ग्रे कलर के सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
काले रंग के सिलेंडर में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।
ब्राउन यानी भूरे रंग के सिलेंडर में हीलियम गैस भरी जाती है।
नीले रंग के सिलेंडर में नाइट्रस ऑक्साइड गैस भरी जाती है।
लाल रंग के सिलेंडर में एलपीजी यानी लिक्वेफाइड पैट्रोलियम गैस भरी जाती है।
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