भारत देश में ऐसा कोई गांव, शहर या बस्ती नहीं है जहां कोई शिवलिंग स्थापित ना हो। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। भारत के घर-घर में भगवान श्री कृष्ण की बाल प्रतिमा (लड्डू गोपाल जी) के साथ अंगूठे के आकार के शिवलिंग देखने को मिल जायेंगे। देश में कई प्राचीन शिवलिंग भी है। कुछ ऐसे हैं जो मानव द्वारा निर्मित नहीं है। उन्हें स्वयंभू शिवलिंग कहते हैं इनके अलावा 12 ज्योतिर्लिंग भी हैं। सवाल यह है कि शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है। क्या दोनों के बीच कोई वैज्ञानिक अंतर है या फिर सिर्फ नाम अलग अलग रख दिए गए हैं।
ज्योतिर्लिंग क्या है, कैसे प्रकट हुए, वैज्ञानिक महत्व क्या है
हिंदू धर्म ग्रंथों में ज्योतिर्लिंग के प्रकट होने के कई प्रसंग मिलते हैं। भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव में सबसे श्रेष्ठ कौन और किसकी सबसे ज्यादा पूजा की जानी चाहिए इस प्रश्न के उत्तर में ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ। शिवलिंग पर तीन उंगलियों से तिलक किया जाता है जो ब्रह्मा विष्णु और शिव के माथे पर तिलक करने का प्रतीक है। पुराणों में यह भी लिखा है कि भगवान शिव पृथ्वी पर जहां-जहां स्वयं प्रकट हुए, वहां-वहां धरती के भीतर से ज्योतिर्लिंग प्रकट हो गए। इसीलिए इन 12 स्थानों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है जबकि इसी तरह की स्वयंभू प्राचीन शिवलिंग और भी हैं। विज्ञान की दृष्टि से यह माना जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंग वह आधार है जिस पर पृथ्वी टिकी हुई है। इन्हीं के कारण पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है और पृथ्वी पर जीवन बना रहता है।
स्वयंभू शिवलिंग क्या होते हैं
हिंदू धर्म ग्रंथों में स्वयंभू शिवलिंग उसे कहा गया है जो मानव द्वारा स्थापित किया गया हो। भूमि के अंदर जिसके अंत का पता नहीं किया जा सका हो। भारत देश में ऐसे कई प्राचीन शिवलिंग है जो अचानक पृथ्वी से प्रकट होना शुरू होते हैं। वर्षों बाद शिवलिंग स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगते हैं।
12 ज्योतिर्लिंगों के नाम
सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्रीसोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन, उज्जयिनी (उज्जैन) में श्रीमहाकाल, ॐकारेश्वर अथवा ममलेश्वर, परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघृष्णेश्वर। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
(current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)