इंडक्शन कुकर गर्म क्यों नहीं होता जबकि हीटर गर्म हो जाता है / GK IN HINDI

Bhopal Samachar
आप कोई भी चूल्हा जलाइए, चाहे वह पारंपरिक हो या एलपीजी गैस, जैसे ही आप चूहे को जलाएंगे सबसे पहले चूल्हा गरम होगा उसके बाद उसके ऊपर रखा हुआ बर्तन और फिर बर्तन के अंदर की सामग्री। लेकिन यदि हम इंडक्शन चूल्हे की बात करें तो ऐसा नहीं होता। इंडक्शन चूल्हा गर्म नहीं होता लेकिन उसके ऊपर रखी हुई सामग्री गर्म हो जाती है। सवाल यह है कि जब बिजली से चलने वाला हीटर गर्म हो जाता है तो फिर बिजली से चलने वाला इंडक्शन चूल्हा गरम क्यों नहीं होता। आइए इसकी टेक्नोलॉजी समझने की कोशिश करते हैं। इंडक्शन कूकिंग सिस्टम के 2 पार्ट होते होते हैं:

1. क्वाइल (कॉपर कुंडली) - 


ये कुंडली चित्र मे ढिखाए अनुसार होती हैं जब उसमे विधुत-धारा प्रभावित होती हैं वह कुंडली एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र केवल किसी भी मेटलीक पदार्थ को ही प्रभवित करती हैं बाकी कोई भी अन्य वस्तु पर यह कोई प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। कॉपर की कॉइल के ऊपर एक सिरेमिक पत्थर रहा होता है। क्योंकि पत्थर मैग्नेटिक पावर से प्रभावित नहीं होता इसलिए वह गर्म नहीं होता लेकिन उसके ऊपर रहे हुए बर्तन में मैग्नेटिक तरंगे दौड़ने लगती हैं और बर्तन के अंदर की सामग्री गर्म होने लगती है।

2. उपयोग किए जाने वाला बर्तन


इंडक्शन-कुक-टॉप पर हर प्रकार के बर्तन काम नहीं करते हैं, ऐसे बर्तन जो आइरन या आइरन बेस्ड हो उन पर ही यह काम करता हैं। बहुत से स्टेनलेस बर्तन पर यह काम करता हैं क्यूकी उनमे कहीं न कहीं आइरन की मात्रा होती हैं। बहुत से कास्ट-आइरन और नॉन-स्टिक बर्तन भी इंडक्शन पर काम करते हैं।

जब आप इंडक्शन को चालू करते हैं तो विद्युत धारा आपके क्वाइल मे पहुँचती हैं और इसमे बहने लगती है। कॉपर की क्वाइल बिजली की धारा-पाकर एक अस्थिर चुंबकीय क्षेत्र बनती हैं, जिसमे किसी भी प्रकार की ऊष्मा या गर्मी नहीं होती हैं। जब आप इंडक्शन पर काम करने वाले बर्तन रखते हैं तब ये कॉपर की कुंडली बर्तन के धातु में छोटे विद्युत प्रवाह को प्रेरित करता है चूंकि आइरन विद्युत का बुरा सुचालक होता हैं, तो आपके बर्तन के माध्यम से बहता हुआ करंट, एक प्रतिरोधक हीटिंग या ऊष्मा भी उत्पन्न करता है, जिसके कारण भोजन को पकाने हेतु जरूरी गर्मी प्राप्त हो जाती हैं। चूंकि इसमे ऊष्मा का कहीं हानि नहीं हैं, आपका बर्तन जितनी सतह पर होगा उसके अंदर ही ऊष्मा पैदा होगी इसलिए इसमे कम समय मे खाना पाक जाता हैं। 

सरल शब्दों में उत्तर 
निष्कर्ष यह है कि इंडक्शन कुकर को बनाने की तकनीक कुछ ऐसी है जिसमें कॉपर की कॉइल खुद गर्म नहीं होती इसलिए ऊष्मा पैदा नहीं करती और यही कारण है कि कॉइल के ऊपर रखा हुआ सेरेमिक टाइल भी गर्म नहीं होता। कॉपर की कॉइल एक चुंबकीय क्षेत्र बनाती है। बर्तन में लोहे के कण मौजूद होते हैं। चुंबकीय क्षेत्र के कारण लोहे के कण ऊष्मा पैदा करते हैं और इसी गर्मी से बर्तन के अंदर रखा हुआ पदार्थ गर्म हो जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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