बैंक, चेक और हस्ताक्षर तीनों ही किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपने अक्सर देखा होगा जब आप किसी बैंक की ब्रांच में लाते हैं और चेक के माध्यम से विड्रॉल करना चाहते हैं तो ब्रांच में मौजूद कर्मचारी आपको नगद पैसे देने से पहले चेक के पीछे कोरे हिस्से पर हस्ताक्षर करवाता है। बैंक में जहां भी हस्ताक्षर की जरूरत होती है वहां सिग्नेचर मार्क प्रिंट होता है लेकिन चेक का पिछला हिस्सा कोरा होता है, फिर बैंक वाले उस स्थान पर हस्ताक्षर करने के लिए क्यों बोलते हैं।
रकम की पावती के रूप में चेक के पीछे हस्ताक्षर करवाए जाते हैं
भारतीय स्टेट बैंक से रिटायर्ड श्री माणक सुथार बताते हैं कि चैक की राशि प्राप्त कर लेने की पावती के रूप में चैक के पीछे प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर करवाये जाते है। राशि प्राप्त करने वाला चाहे तो चैक के पीछे हस्ताक्षर करने से मना कर सकता है लेकिन इस स्थिति में उसे एक अलग कागज पर सम्पूर्ण विवरण के साथ बैंक को भुगतान की पावती देनी होगी और उस पर नियमानुसार रसीदी टिकट (Revenue Stamp) भी लगाना होगा।
प्राप्तकर्ता को चेक के पीछे हस्ताक्षर से पहले क्या-क्या लिखना चाहिए
नियमानुसार व्यक्ति को चेक के पीछे स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए कि उसने कितनी रकम प्राप्त की इसके अलावा प्राप्त नोटों का विवरण भी लिखना चाहिए। इसके बाद हस्ताक्षर करना चाहिए। ज्यादातर प्राप्त करता इसके बारे में नहीं जानते और बैंक के कैश काउंटर पर मौजूद कर्मचारी समय बचाने के लिए पहले पावती प्राप्त करता है फिर रकम देता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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