जयपुर। लॉक डाउन की अवधि में स्कूलों द्वारा की जा रही फीस की मांग के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा कि लॉक डाउन की अवधि में स्कूल फीस मांग सकते हैं इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन यदि पैरंट्स ने फीस जमा नहीं की तो स्कूल स्टूडेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।
क्या लॉक डाउन में फीस ना मिलने पर स्कूल अपने स्टूडेंट का नाम काट सकते हैं
स्कूल की फीस के संबंध में अपना निर्णय देते हुए अदालत ने यह भी कहा कि अगर माता-पिता किसी भी कारण से लॉकडाउन की अवधि के दौरान स्कूल की फीस का भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो स्कूल के पास छात्र का नाम काटने का अधिकार नहीं है।
अदालत ने देशभर में फैले कोविड -19 संक्रमण के दौरान लागू लॉकडाउन को देखते हुए स्कूल फीस के भुगतान के संबंध में अधिवक्ता राजीव भूषण बंसल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला लिया।
एडवोकेट राजीव भूषण बंसल की जनहित याचिका पर फैसला
अधिवक्ता राजीव भूषण बंसल ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई कि स्कूल को लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस नहीं मांगनी चाहिए। उच्च न्यायालय की खंडपीठ में न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार सोंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई करने के बाद जनहित याचिका का निपटारा किया।