ग्वालियर। देश के रेड जोन इलाकों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर पहुंच रहे मजदूर व उनके परिजन बीमार ना होने पर भी बुखार में ली जाने वाली पैरासिटामोल टेबलेट खा रहे हैं। ताकि गंतव्य स्टेशन पर होने वाली जांच में थर्मल गन को गच्चा दिया जा सके। मजदूरों को यह ट्रिक किसने बताई यह तो पता नहीं लेकिन श्रमि स्पेशल ट्रेनों की खाली बोगियों में दवाइयों के खाली रैपर मिले हैं।
अंचल में रहने वाले हजारों प्रवासी मजदूर जो कि अपने परिवारों के साथ रोजीरोटी कमाने गुजरात, राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक, केरला सहित हरियाणा व अन्य प्रदेशो में परिवार सहित जाकर कामधंधा कर रहे थे लेकिन मार्च महीने में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन शुरु होने के बाद ये हजारों प्रवासी कामंधधा बंद होने के कारण बेरोजगार हो गए थे। फैक्ट्री से लेकर बाजार तक बंद होने के कारण ये सभी प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव केन्द्र सरकार द्वारा शुरु की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन से वापस अपने घरों को लौट रहे हैं।
8 हजार मजदूर आए, एक भी बीमार नहीं
ग्वालियर स्टेशन पर 8 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का देश के कई प्रदेशों से आना लगातार जारी है। अभी तक ग्वालियर पहुंची 13 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगभग 8000 प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ वापस लौट चुके हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि ग्वालियर पहुंचे इन मजदूरों में एक भी मजदूर थर्मल स्क्रीनिंग जांच के दौरान बीमार नहीं मिला है।अभी तक केवल दो बच्चों का ही तापमान हल्का बढ़ा मिला है।
RPF स्क्वाड को अलर्ट किया
मजदूरों द्वारा सफर के दौरान बुखार छिपाने के लिए पैरासिटामोल व क्रोसिन टेबलेट का उपयोग करने का पता चलने के बाद इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले आरपीएफ के जवानों को सफर के दौरान मजदूरों पर विशेष नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। सफर के दौरान यदि कोई श्रमिक दवा का सेवन करता मिलेगा तो उस मजदूर का नाम व पता लेने के साथ ही संबंधित स्टेशन पहुंचने पर डॉक्टरी परीक्षण विशेष तौर पर कराया जाएगा।
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