जबलपुर। सरकार द्वारा फुटपाथ पर अस्थाई दुकान जमा कर छोटे-छोटे व्यवसाय करने वालों के लिए शुरू की गई ₹10000 ( बिना प्याज) लोन योजना का लाभ पाने के लिए जबलपुर शहर की कई आलीशान शोरूम संचालक, बड़े मोटर गैरेज के मालिक, ब्यूटी पार्लर संचालक और यहां तक कि कुछ नेताओं के रिश्तेदारों ने भी खुद को गुमटी संचालक बताते हुए रजिस्ट्रेशन करा लिया। 14 लाख की आबादी वाले जबलपुर शहर में करीब 50000 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया।
इतनी बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन देखकर नगर निगम के अधिकारी भी चौक गए। नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सत्यापन शुरू किया तो अपात्रों की हकीकत सामने आने लगी। जिस तरह लोगों में रजिस्ट्रेशन करने की होड़ मची थी, सत्यापन के बाद अब अपात्रों में रजिस्ट्रेशन रद कराने की होड़ भी मचने लगी है। अब तक हुई 7 हजार 428 लोगों की जांच में करीब ढाई हजार ने रजिस्ट्रेशन रद कराने घोषणा पत्र भी दे दिया है।
योजना के प्रभारी व अपर आयुक्त वित्त रोहित कौशल ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामकार योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर के रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं। ताकि प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर योजना से जोड़ते हुए उन्हें 10 हजार का लोन दिया जा सके। अफवाहों के कारण उन लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन करा लिए जो पथ विक्रेता के मापदंड पूरे नहीं करते। सभी संभागों में रजिस्ट्रेशन कराने वालों के दिए नाम-पते के आधार पर जांच की जा रही है। अपर आयुक्त ने भी शनिवार को शीतलामाई क्षेत्र में जांच की। जिसमें सामने आया कि जिनकी बड़ी-बड़ी दुकानें, सेंटर हैं वे भी रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
मौके का खींच रहे फोटो, बन रहा पंचनामा
- योजना के तहत पात्र गरीब पथ विक्रेताओं को योजना से जोड़ने के लिए पात्र-अपात्रों की जांच की जा रही है।
- मौके पर जाकर स्ट्रीट वेंडरों की दुकान, ठेला व उनके व्यावसाय के साथ फोटो भी खींची जा रही है। पंचनामा भी तैयार किया जा रहा है कि यही वह व्यक्ति है जो कई सालों से फुटकर व्यवसाय कर रहा है।
14 लाख की आबादी में 85 हजार ने करा लिया रजिस्ट्रेशन
- 14 लाख है शहर की आबादी
- 6 हजार से ज्यादा है नगर निगम में रजिस्टर्ड पथ विक्रेता
- 84 हजार 994 ने करा लिया लोन के चक्कर में रजिस्ट्रेशन
- 7 हजार 428 की हो चुकी जांच, बाकी की जारी
साल भर बाद वापस भी करना होगा लोन
- योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनकी स्थाई छोटी दुकाने हैं। सब्जी, पान, चाट, फुल्की व अन्य फुटकर व्यवसाय करते हों।
- ऐसे पात्रों का भौतिक सत्यापन कर उन्हें प्रधानमंत्री की स्वनिधि योजना से जोड़ा जाएगा। ताकि उनके खाते में लोन की रकम आ सके।
- पथ विक्रेताओं को दिया गया 10 हजार का लोन एक साल बाद वापस भी करना होगा।
अफवाहों के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने पथ विक्रेताओं के तौर रजिस्ट्रेशन करा लिए हैं। अब तक 7 हजार से ज्यादा लोगों की जांच में ढाई हजार अपात्र मिले। जिन्होंने रजिस्ट्रेशन रद कराने घोषणा पत्र दे दिया है। शेष की जांच की जा रही है। - रोहित सिंह कौशल, अपर आयुक्त वित्त व योजना प्रभारी
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