रंगों के बारे में कौन नहीं जानता। ब्लैक और वाइट कलर को तो सभी पहचानते हैं। पृथ्वी पर मौजूद कई सारे जीव ऐसे हैं जिन्हें रंग दिखाई नहीं देते परंतु ब्लैक और वाइट दिखाई देता है। यह भी हम सभी जानते हैं कि जो वस्तु प्रकाश को जितना ज्यादा अवशोषित करेगी उसका रंग उतना ही घना यानी काला होता जाएगा। सवाल यह है कि क्या पृथ्वी पर कोई चीज ऐसी है जिसका रंग 100% काला हो और सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या हम इंसान 100% काले रंग को सामान्य आंखों से देख सकते हैं।
नीमच (मध्य प्रदेश) के रहने वाले श्री यतिन मेहता एक शासकीय सेवक है परंतु कृषि के क्षेत्र में नित नए प्रयोग करना उनका शौक है। किसी शॉप ने उन्हें एक विशेषज्ञ बना दिया है। श्री यतिन मेहता बताते हैं कि क्लास रूम का ब्लैकबोर्ड लगभग 93% प्रकाश को अवशोषित कर लेता इसी प्रकार एस्फाल्ट से बनी सड़क भी लगभग 97% प्रकाश ही अवशोषित कर पाती है। वास्तव में पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से ऐसा कोई पदार्थ नही पाया जाता जिसे वास्तविक अर्थों में काला (100% BLACK) कहा जा सके। ब्रह्मांड की सबसे काली चीज निर्विवाद रूप से एक "ब्लैकहोल" होता है जिसका गुरुत्व इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश भी ब्लैकहोल में जाने के बाद वापस नही आ पाता।
दुनिया का सबसे काला पदार्थ Vantablack 99.99% BLACK
सन 2014 में ब्रिटेन की सुरी नैनो सोलुशन नामक कंपनी ने एक नये किस्म के पदार्थ के निर्माण में सफलता पायी है जिसे उन्होंने वेंटाब्लैक (Vantablack) नाम दिया है। सन 2016 में उन्होंने इस पदार्थ का द्वितीय वर्शन लांच किया है। कार्बन की खोखली नैनो ट्यूब्स से बना यह करिश्माई पदार्थ प्रकाश की 99.99% मात्रा को सोखने में सक्षम है। इस पदार्थ की प्रत्येक नैनोट्यूब सिर्फ 20 नैनो मीटर मोटी यानी एक इंसान के बाल से भी 3500 गुना पतली है और प्रत्येक ट्यूब की लंबाई लगभग 14-50 माइक्रोन है।
कंपनी ने इस पदार्थ को बनाने की विधि व्यापारिक कारणों से सार्वजनिक नही की है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस पदार्थ में मौजूद कार्बन ट्यूब्स की संरचना इस प्रकार की गई है कि प्रकाश इन ट्यूब में फंस कर इधर-उधर बाउंस होता रहता है और अंततः ऊष्मा में परिवर्तित होकर विलीन हो जाता है। वेंटाब्लैक नामक यह मैटेरियल इतना काला है कि इसे देख कर इसके "ब्लैकहोल" होने का एहसास होता है।
सरल शब्दों में उत्तर
सरल शब्दों में उत्तर सिर्फ इतना सा है कि यदि कोई भी वस्तु 100% खाली होगी तो वह मनुष्य को अपनी आंखों से दिखाई नहीं देगी। क्योंकि उस वस्तु से प्रकाश का परावर्तन नहीं होगा। मनुष्य को केवल वही वस्तुएं दिखाई देती है जिनसे प्रकाश का परावर्तन होता हो। फिर चाहे वह 00.01% ही क्यों ना हो। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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