नई दिल्ली। भारत के राज्य ओडिशा में चमत्कारी घटनाक्रम हुआ है। करीब 500 साल पहले एक भयंकर बाढ़ में 7 गांव के साथ डूब गया प्राचीन विष्णु मंदिर अचानक नदी के ऊपर की तरफ दिखाई देने लगा। मंदिर का शिखर नदी में ऊपर से नजर आ रहा है। हालांकि पूरा का पूरा मंदिर अभी भी नदी के अंदर है। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की टीम मौके पर मौजूद है। उसने आसपास के तमाम इलाके को आम नागरिकों के आने जाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
पद्मावती नदी से निकला विष्णु मंदिर कम से कम 500 साल पुराना है
इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की पुरातत्वविदों की टीम ने बताया कि उन लोगों ने ही इस मंदिर को खोजा है। मंदिर का शिखर ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच में है। आर्कियोलॉजिस्ट दीपक कुमार नायक ने बताया कि यह मंदिर करीब 60 फीट ऊंचा है। नदी के ऊपर दिख रहे मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर लगता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी का है।
150 साल पहले नदी में आई बाढ़ में डूब गए थे 7 गांव और गोपीनाथ मंदिर
जिस जगह यह मंदिर मिला है उस इलाके को सतपताना कहते हैं। सतपताना में सात गांव हुआ करते थे। सातों गांव भगवान गोपीनाथ की पूजा करते थे। उसी समय यह मंदिर बनाया गया था। दीपक कुमार नायक ने बताया कि करीब 150 साल पहले नदी ने रुख बदला और तेज बाढ़ आई। जिसकी वजह से मंदिर और आसपास का इलाका डूब गया। यह घटना 19वीं सदी में हुई थी। गांव वालों ने भगवान की मूर्ति मंदिर से निकाली और ऊंचे स्थान पर चले गए।
जहां नदी में डूबा हुआ मंदिर मिला, 5 किलोमीटर के दायरे में 22 मंदिरों की खोज है
आसपास के लोग बताते हैं कि पद्मावती गांव के आसपास 22 मंदिर थे, जो इस नदीं में डूबे हुए हैं लेकिन इतने सालों के बाद फिर भगवान गोपीनाथ देव के मंदिर का मस्तक बाहर की तरफ दिखाई दिया है। INTACH के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर अनिल धीर ने कहा कि हम महानदी के आसपास के सभी ऐतिहासिक धरोहरों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं। हम इस मंदिर के चारों तरफ पांच किलोमीटर के दायरे में और मंदिरों और धरोहरों की खोज कर रहे हैं। गांव के लोग बताते हैं कि इस मंदिर का मस्तक 25 साल पहले दिखाई दिया था।
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