भोपाल। 15 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोई लिस्ट लेकर दिल्ली पहुंचे हो और उस पर केंद्रीय नेतृत्व की मोहर ना लग पाई हो। शिवराज सिंह चौहान इस काम में माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन इस बार न केवल उनकी लिस्ट स्थगित हुई बल्कि रिजेक्ट कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में दो डिप्टी सीएम के साथ एक नई लिस्ट को केंद्रीय नेतृत्व ने अप्रूवल दिया है। नई लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान की पसंद वाले नाम नहीं है।
मध्यप्रदेश में दो डिप्टी सीएम का फार्मूला पहले ही तय हो गया था
सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बीच पहले ही तय हो गया था कि तुलसी सिलावट मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तरफ से डॉ नरोत्तम मिश्रा को उप मुख्यमंत्री के लिए तय कर लिया था। इस तरह मध्यप्रदेश में दो उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति होनी थी परंतु शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनते ही मंत्रिमंडल की लिस्ट अपने तरीके से बनाने की कोशिश की। वह अपनी सरकार में कोई डिप्टी सीएम नहीं चाहते।
शिवराज सिंह चौहान क्या गड़बड़ कर रहे हैं
अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में कुछ इस तरीके से नाम फाइनल करने की कोशिश कर रहे हैं जैसे मध्यप्रदेश में उनके नाम पर बहुमत मिला है। मंत्रिमंडल की सूची बनाते समय शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया की लिस्ट में काट छांट करके अपने नाम जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने ऑपरेशन लोटस के दौरान भी कुछ लोगों को मंत्री पद का वचन दिया था। शिवराज सिंह चौहान उस वचन में भी काट छांट करने के मूड में है।